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________________ ८० श्रीमद्वाग्भटविरचितं नेमिनिर्वाणम् : एक अध्ययन १२५. नेमिनाथ आरती (रतन) इसमें ६ पद्य हैं। रचयिता : रचनाकाल नेमिनाथ आरती के रचयिता रतन है जिनका रचनाकाल वि० सं० १८२६ (सन् १७६९ ई०) का है। १२६. नेमिनाथ रास (विजयदेवसूरि) प्रस्तुत रास की पूर्ण प्रति जिसकी पत्र संख्या ४ है, पाटोदी के मन्दिर जयपुर (वेष्ठन नं० १०२६) में एवं दो प्रतियां श्रीमहावीरजी के शास्त्र भण्डार (गुटका नं० ३५ और २८६) में संग्रहीत हैं। रचयिता : रचनाकाल इस रास के रचयिता विजयदेवसूरि हैं । इसका लिपिकाल सं० १८२६ (सन् १७६९ १२७. नेमिचरित (जयमल) ___ इसकी प्रतियाँ श्रीमहावीरजी के शास्त्र भण्डार में संग्रहीत हैं । रचयिता : रचनाकाल नेमिचरित काव्य के रचयिता कवि जयमल हैं । इसकी रचना सं० १८०४ (१७४७ ई०) में की गई है। १२८. नेमिनाथ के दशभव (कवि सेवण) इसमें नेमिनाथ जी के दशभवों का वर्णन किया गया है। रचयिता : रचनाकाल ___ इसकी रचना सेवण कवि ने की थी। इस कृति की वि० सं० १८१८ (सन् १७६१ ई०) की लिपिबद्ध प्रति दिगम्बर जैन मन्दिर विजयराम पांड्या, जयपुर के शास्त्र भण्डार (वेष्ठन ३५४) तथा एक प्रति श्रीमहावीरजी के शास्त्र भण्डार के गुटका नं० १९० में उपलब्ध है। १२९. नेमिजी का चरित्र (आणंदं कवि) इसकी सं० १८५१ (१७९४ ई०) में लिखी गई प्रति पाटोदी के मन्दिर जयपुर (वेष्ठन २२५७) तथा एक श्री महावीरजी के शास्त्रभण्डार गुटका नं० १४ में है। १. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग -७, पृ०-२२७ २. द्रष्टव्य - डा० इन्दुराय जैन द्वारा लिखित "नेमिशीर्षक हिन्दी साहित्य लेख, अनेकान्त अक्तूबर-दिसम्बर १९८६, पृ० -१४ ३. वही, पृ० -१४ ४. वही, पृ० -१४
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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