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________________ नेमिनिर्वाण का संवेद्य एवं शिल्प : अलंकार १५३ जाये वहाँ शब्दालंकार और शब्दों के बदल देने पर अलंकार की चमत्कृति में अन्तर न आये वहाँ अर्थालंकार होता है। नेमिनिर्वाण में वर्णनों तथा भावों को प्रभावोत्पादक और मनोरम बनाने के लिये तथा रसों की परम्परा बनाये रखने के लिये दोनों प्रकार के अलंकारों का सन्निवेश हुआ है। वाग्भट ने विभिन्न आयामों विविध रूपों को प्रकट करने के हेतु विविध अलंकारों के द्वारा मनोरम, सौन्दर्यवर्द्धक चित्रों को अपनी लेखनी में संजोकर उनको काव्य में भिन्न-भिन्न प्रकार से चित्रित कर अपने अलंकार-कौशल को प्रकट किया है । शब्दालंकार नेमिनिर्वाण काव्य में शब्दालंकार के अन्तर्गत अनुप्रास, यमक, श्लेष एवं चित्रालंकारों का संयोजन किया गया है । अनुप्रास की शोभा, यमक की मनोरमता, श्लेष की संयोजना और चित्रालंकारों की विचित्रता सहज ही पाठकों के हृदय को अलौकिक आनन्दवर्द्धन कराती अनुप्रास: अनुप्रास वह अलंकार है जहाँ पर स्वरों का वैसादृश्य होने पर भी शब्द अथवा वर्णो का सादृश्य होता है । अनुप्रास की चमत्कृतिपूर्ण संयोजना में वाग्भट अत्यन्त कुशल हैं । नेमिनिर्वाण में अनेक स्थलों पर अनुप्रास की छटा देखने को मिलती है और संगीत ध्वनि के हेतु अलंकारों की योजना अनेक सन्दर्भो में हुई है । दूसरे सर्ग में देवाङ्गनाओं का आकाशमार्ग से उतरना वितन्वतीर्वियति विराजिभिर्मुखैर्विभावरी विभुनिकुरूम्बडम्बरम् । विवृण्वतीरिव भणिकिङ्कणीरवं स्मरद्विप सहचरमात्मनः स्फुटम् ।। तृतीय सर्ग के प्रायः सभी पद्यों में अनुप्रास की छटा देखने को मिलती है - कल्लोलिनीपतिरिवातिगभीरवृत्तिः सिंहासनं यदुकुलीयमलंकरिष्णुः । वैमानिकैः सततसंभृतभरिभक्तिनांगालये शशिमुखीमुखगीतकीर्तिः ।। यहाँ पर “वितन्वतीर्वियतिविराजिभिमुखैर्विभावरीविभुनि” में वकार की आवृति को सुन्दर योजना की गई है । इसी तरह दूसरे पद्य के ल, त और ख में अनुप्रास है । इसी प्रकार के अनेक उदाहरण अन्य भी नेमिनिर्वाण में देखे जा सकते हैं । अनुप्रास के अन्य स्थल -- प्रथम सर्ग - १९, ७६ द्वितीय सर्ग २, ९, ३६, ४२ तृतीय सर्ग - ३४, ३ १. नेमिनिर्वाण, २/३, ३/४२ २. वो, ३/४५
SR No.022661
Book TitleNemi Nirvanam Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAniruddhakumar Sharma
PublisherSanmati Prakashan
Publication Year1998
Total Pages252
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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