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आदिपुराण में दार्शनिक पृष्ठभूमि
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50. पुरा परम्परां वष्टि पुराणं तेनतत्स्मृतम (पद्म पुराण 52.53) 51. स्यात्प्रबन्धे पुरातीते संकट गामिके तथा (मेदिनी कोश 15) 52. पुराणं षोडषमणे, पुराणं प्रत्नशास्त्रयोः, (हेमचन्द्र कोश), पृ. 15, प. 7 53. पुराणं ग्रन्थ भेदे च क्लीबेत्रिषु पुरातने। (नानार्थ रत्नमाला), पृ. 77 54. पुराणं पुरा वृत्तम्, नीलकण्ठ कृत महाभारत टीका, 1.5.2 55. ना.वि.श. सं., श्री.न.जी., पृ. 857 56. बृ.हि.को., पृ. 609 57. पं. गणेशदत्तशास्त्री पद्म चन्द्रकोष, पृ. 320, संस्करण 1925 58. पुरा परम्परा वृष्टि पुराणां तेन तत् स्मृतम्।
-पद्मपुराण, 5.2.53 59. कौटिल्य अर्थशास्त्र, 1.5 60. भागवत पुराण, 12.7.9 61. मत्स्य पुराण, 53.64 62. अथर्ववेद 11.7.25; 11.8.7 63. (क) शतपथ ब्राह्मण, 11.5.6.8;
(ख) गो.प. 1.2.10 (गोपथब्राह्मण) 64. तै.आ. पाठक 2, अनुवाक 9 65. छा. उ. 7.1.2 66. आश्वलायनगृह्यसूत्र, 3.4 67. मनु स्मृति 232 68. वा.रा. 1.9.1 69. म.भा.आ.प. 70. परपशाहिनके, 1.1.1 71. न्यायदर्शन, 4.1.62 72. सिद्धान्त शिरोमणि, 56 73. शुक्रनीति, 4.26.4 74. भा.आ.हि.श.को., (प.रा.पा.), पृ. 501 75. सं.सा.का.इ., (वा.गै.), पृ. 233 76. आ.पु., 1.24-25 77. आ.पु., 1.15-20 78. पुगतनं पुराणं स्यात् तन्महन्महदाश्रयात्। महद्भिरूपदिष्टत्वात् महाश्रेयोऽनुशासनात्।।
-- आ.पु.. 1.21 79. कवि पुराणमाश्रित्य प्रसृतत्वात् पुराणता।