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पुण्य-पाप और उसके प्रकार। आस्रव और उसके प्रकार, भेदोपभेद। संवर का लक्षण, संवर के प्रकार और हेतु। निर्जरा और उसका साधन तप, तप की परिभाषा, उसके भेदोपभेद, दान, व्रत, उसके भेदों आदि का विश्लेषण किया है।
षष्टम् अध्याय इस अध्याय में ईश्वर सम्बन्धी विभिन्न धारणाएँ और रत्नत्रय पर विचार किया गया है। इसमें ईश्वर सृष्टिकर्ता नहीं (विभिन्न मान्यताएँ)।
रत्नत्रय-सम्यग्दर्शन-सम्यग्ज्ञान उसके भेदोपभेद नय, स्याद्वाद सप्तभंगी, सम्यग्चारित्र और उसके भेद आदि का वर्णन किया गया है।
सप्तमाध्याय इस अध्याय में मोक्ष और सिद्धशिला पर विचार किया गया है। मोक्ष और उसके भेद, सिद्ध का स्वरूप, उसके गुण सिद्धशिला का परिमाण आदि विषयों पर विचार किया गया है।
मन्जु बाला (साध्वी सुप्रिया)