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विदुषी साध्वी जी की अध्ययन के पति अत्यन्त उत्साह और रूचि ने उन्हें अध्ययन के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति कर हिन्दी, संस्कृत में डबल एम.ए. की परीक्षाएँ उत्तीर्ण की। साध्वी जी ने अथक परिश्रम करके सर्वप्रथम जैन दर्शन का गहन अध्ययन किया फिर 'आदिपुराण' ग्रन्थ को अध्ययन का विषय बनाया। परिणाम स्वरूप आज यह शोध-प्रबन्ध जैन दर्शन के समस्त रहस्यों को प्रकाशित वाला साबित होगा तथा शोध-मुमुक्षुओं के लिए भी यह उपयागी सिद्ध होगा। जैन समाज का हितसाधक घोषित होगी। ऐसी मेरी मंगल कामना शुभ भावना है।
- डॉ. प्रेमलाल शर्मा, रीडर
साधु आश्रम होशियारपुर (पंजाब)
पिन-146021