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विचित्र घटना
श्री महाबल मलयासुंदरी चरित्र
मलया - (जरा स्वस्थ होकर) राजकुमार ! आप यहाँ कैसे आये? महाबल ने अपना तमाम वृत्तांत व्यंतर के हरण से लेकर उस अजगर के चीर डालने तक कह सुनाया । वह वृत्तांत सुनकर मलयासुंदरी कुमार के धैर्य और साहस से चकित हो वारंवार मस्तक हिलाने लगी । कुमार की और स्नेह भरी दृष्टि से देखते हुए वह बोल उठी 'कुमार! आपने बड़ा कष्ट सहन किया । '
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महाबल - सुंदरी! तुम अब मुझे अपना वृत्तांत कह सुनाओ । मेरे गये बाद तुम पर क्या क्या घटनायें घटीं ? इस भयानक अजगर के उदर में किस तरह आ पड़ी? अनेक सुभटों से सुरक्षित उस राजमहल में रहनेवाली तुम्हें इस अजगर ने किस तरह सटका ? तुम अजगर के मुंह में किस तरह आयी ?
मलया - राजकुमार! अजगर के मुख में किस तरह गयी यह तो मैं नहीं जानती, परंतु इसके सिवा मैं आपको अपना तमाम वृत्तांत सुनाती हूं । आप अपने कान और हृदय को कठिनकर सुनें ।
मलयासुंदरी अपना वृत्तांत कहना ही चाहती थी इतने ही में महाबल के कान पर दूर आ हुए किसी मनुष्य की आहट पड़ी | महाबल तुरंत ही सावधान होकर विचारने लगा। रात्रि के समय ऐसे प्रदेश में यह कौन फिर रहा होगा? ऐसे अंधकार के समय में चोर, जार या घातक ही अपने लक्ष्य की खोज में फिरा करते हैं । यदि ऐसा ही हुआ तो संभव है मुझे अकेले को स्त्री के पास बैठा देख वह कुछ उपद्रव करे । अगर राजकुमारी की खोज में ही कोई आ रहा होगा तो इस समय इसे अकेली को मेरे पास बैठी देख वह भी कुछ आपत्ति करेगा ।
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