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________________ ३०० ४१८४१४३ संभूत = एक मुनिराज सागरसेन = धर्मस्वामी सेठके संघके साथ चलने वाले एक मुनि ३ | ३६।२५ सानत्कुमार = सानत्कुमारस्वर्गका इन्द्र वर्धमानचरितम् १७७६।२४० सालङ्कायन = स्वस्तिमतिनगरीका एक ब्राह्मण ३।९६।३० सिद्धार्थं = वर्धमान तीर्थंकर के पिता कुण्डग्रामके राजा १७।२०।२३१ सीरपाणि = विजय - बलभद्र १०।८।११९ १०/७०।१२८ सुतारा = अर्ककीर्तिकी पुत्री सुप्रतिष्ठ = एक मुनिराज १३।८२।१६७ सुमति = एक मुनिराज, जिनके पास राजा कनकाभने दीक्षा ली १२|३२|१४८ १०।८९।१३१ १२।४१।१४९ सुवर्णकुम्भ = एक मुनिराज सुव्रत = एक मुनिराज सूर्यप्रभदेव = एक देश, प्रियमित्रका जीव १५।१९८।२१७ सुशीला = उज्जयिनीके राजा वज्रसेनकी स्त्री सुश्रुत = प्रजापतिका मन्त्री सेन १३।१६।१५४ = एक विद्याधर स्थावर = शाण्डिल्यायन और पारासरीका पुत्र हरिषेण: = वज्रसेन और सुशीलाका पुत्र ७।७।७६ ७।३१।६८ ५।१०५/६१ स्वयंप्रभा = ज्वालनजटीकी पुत्री हरि = त्रिपृष्ठ ९८८ ११४ हरिध्वज = एकदेव ( सिंहका जीव ) ११।६४।१४१ हरिकन्धर = एक विद्याधर हरिश्मश्रु = अश्वग्रीवका मंत्री हलायुध = बलभद्र || हेमरथ = कनकध्वजका पुत्र ह्री = एक देवी ३।११२।३२ ६।३३।६८ ६।६५।७४ १३।१८।१५६ १०।८६।१३० १२।३६।१४८ १७।५०।२३६
SR No.022642
Book TitleVardhaman Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Muni, Chunilal V Shah
PublisherChunilal V Shah
Publication Year1931
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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