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डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव
जन्म : २८ अक्टूबर १९२६ ई० : शुम्भेश्वरनाथ धौनी, जि० दुमक
(सन्थाल परगना : बिहार)। शैक्षिक उपाधियाँ : एम० ए० (प्राकृत-जैनशास्त्र, संस्कृत एवं हिन्दी)
स्वर्णपदकप्राप्त; पी-एच०डी०; साहित्य-आयुर्वेद-पुराण-पालि
जैनदर्शनाचार्य, व्याकरणतीर्थ, साहित्यरत्न, साहित्यालंकार। कार्यक्षेत्र : वीर-ओइयारा उच्च विद्यालय (पटना) में संस्कृत और हिन्द
का अध्यापन; बिहार-हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन, पटना का कार्यालय संचालन एवं सम्मेलन के शोध-त्रैमासिक 'साहित्य' का सह सम्पादन; बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पटना में उपनिदेशक (शोध एवं सम्पादक : ‘परिषद्-पत्रिका' (शोध-त्रैमासिकी); प्राकृत-जै
और अहिंसा शोध-संस्थान, वैशाली में प्राकृत के व्याख्याता बिहार-हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन के साहित्यमन्त्री एवं पुस्तकालय
मन्त्री । कृतियाँ : ‘गीत संगम', 'बहुत है' (काव्य); 'मेघदूत : एक अनुचिन्तन
(समीक्षा); 'प्राकृत-संस्कृत का समानान्तर अध्ययन' (समीक्षा 'वसुदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा (समीक्षा)' 'अगडदत्तकहा (प्राकृत-कथा : मूल-सह-हिन्दी)
अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकान्त-विषयक तीन व्याख्यानों व संकलन; आठ जैन बाल-कथाकृतियाँ; 'अक्षरभारती' (संस्कृत गद्य-पद्य-संग्रह)। अनेक ग्रन्थों का सम्पादन एवं अनुवाद पार्यान्तिक, अनूदित कृतियों में 'वसुदेवहिण्डी' (प्राकृत धूर्ताख्यान (प्राकृत) तथा 'सिंहासनद्वात्रिंशिका' (संस्कृत) उल्लेख
विशिष्ट सम्मान एवं पुरस्कार : 'विद्यावाचस्पति', हिन्दी-साहित्य
सम्मेलन, प्रयाग, (इलाहाबाद); 'वाङ्मयरत्न', साहित्यकार संसद, समस्तीपुर (बिहार); 'साहित्यमार्तण्ड', कला संस्कृ साहित्य-विद्यापीठ, मथुरा; 'विद्याविभूषण' भारतीय शास्त्र समाद समिति, छपरा (बिहार), 'साहित्यरत्न', राजस्थान हिन साहित्य-सम्मेलन, बीकानेर; 'साहित्यिक पत्रकारिता-सम्मान बिहार पत्रकारिता-संस्थान एवं संग्रहालय, पटना, 'बलिनाराय राष्ट्रभाषा-पुरस्कार', भाषा-संगम, दुमका (बिहार) इत्यादि। दि. २८ फरवरी, १९९५ ई० : बिहार-राष्ट्रभाषा-परिषद्, पट (बिहार शिक्षा-सेवा, संवर्ग-१) के उपनिदेशक (शोध) के पद सेवानिवृत्त।