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शंकुपथ
शंखनदी : ४६९
शक्तिसंगम (तन्त्र) : १५९ टि.
शक्तिसूत्र
: १७०
शतद्रु (सतलज) : ४६९
शतपथब्राह्मण: ३३६, ३९८
शतसहस्रपाकतैल : २१३
शतसहस्रवेधी रस : २१८
शब्दकल्पद्रुम : ४८४
शम्भु (रसायनाचार्य) : २१९
शर्कराप्रभा (दूसरी नरकभूमि) : ३९६ शर्ववर्मा : १७
वसुदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा
: ४५०, ४६८, ५२४
शांखायनगृह्यसूत्र : १८२ शांखायनश्रौतसूत्र
: ३६५
शांर्गदेव : २६८
शांर्गधर (वृद्ध) : २२७
शांर्गधरसंहिता : १९६
शाकलीय वास्तुपूजापद्धति : २४३
शाकल्य (मुनि) : ३९८
शाक्ततन्त्र : १६१ टि.
शाण्डिल्य (जनपद) : ४८२
शान्तिनाथ (शान्तिस्वामी) : ३९६, ४१८, ४२१,
४७६, ४९१, ५०२,५१३
शालिग्राम (जनपद): ४७१, ४८१
शिवनाथ झारखण्डी : १८१ टि. शिवपूजन सहाय (आचार्य) : २८०
शिशुपाल : ४७७
शीता (सीता महानदी) : ३९१, ४७०, ४७१, ५६६
शीतोदा (महानदी) : ४६२, ४७०
शुकराष्ट्र : ४७१, ४७९
शुक्तिमती (नगरी) : ४७७, ४७८, ४८२
शुक्रनीति: २२४
शुक्रनीतिसार : २५२, २५७, २८८ शुक्राचार्य : १२४
शुम्भ-निशुम्भा (विद्या) : १६२ शूरसेन - जनपद (देश): ३५१, ४७१, ४७९,
४८२, ५०३
शृंगारहाट : ३४, २७१ टि, २७२ टि २७३ टि, ५८३ शैलोदा (नदी) : ४७१
शैवतन्त्र : १५५,१९३
शौनक : २४३
शौरि (जनपद) : ४७९, ४८२
श्येनमुखी. (विद्या) :. १६८ श्रमणबेलगोल (मैसूर) : ४६३
श्रावस्ती : ४५३, ४८०, ४८१, ४८२ श्रीजैनविश्वभारती (लाडनूं) : २२ टि.
श्रीमत्कान्तिविजय : ६७
श्रीमद्भगवद्गीता : २०२, ४८६, ४८६ टि.
श्रीमद्भागवत (पुराण): ४,८४,९३ टि,९८,९९ श्रीरंजन सूरिदेव (डॉ) : १४ टि, १९ टि २० टि, २३, ३८६ टि.
श्रेणिक (राजा :
सम्राट् : बिम्बिसार) : ७४, ७६, ८४, ११०, ४५७, ४७३, ५०२
श्वेतकेतु (उद्दालकपुत्र) : २५९
श्वेतपुर (चेचर) : ४६९ टि.
'श्वेतपुर की खोज और उसका इतिहास : ४६९ टि.
श्वेतविका : ४८२
श्वेता (जनपद) : ४७१, ४८१ श्वेताश्वतरोपनिषद् : ४९१.
षट्कर्म
: ४८०
षट्खण्डचक्रवर्त्ती : ४६१ षड्दर्शनसंग्रह : ४८४ टि.
स
संक्षिप्तसार : ५०४
संगीतदामोदर : २६८
संगीतपारिजात : ३६३
संगीतरत्नाकर : २६८, २६८ टि., २८६
संगीतसार : ३६३
संघदासगणिवाचक
:
(आचार्य : संघदासगणी) : ६,९१०, ११, १२, १३, १४, २०, २२, २३ टि.,