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________________ ६२० वसदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा पट्टतूलिका : ३५३ पुष्करद्वीप :४५९,४७० पतंजलि (महर्षि) : १७० पुष्करवरद्वीप : ४५७,४५९,४६० पत्रलघुकिका (विद्या): १६० पुष्कराई : ४५७,४५९,४६० पद्मचरित : १०९ पुष्कलावती (विजय :प्रान्त):४७०,४७१,४७७,५६६ पद्मप्राभृतक (भाण) : ३५२ पुष्पदन्त (आचार्य) : ११,३७,३८,१०२ पद्मिनीखेट : ४५२,४६९,४७७ पुष्पदन्त (शिवगण) : १६,१७ परलोक : ४९० पुष्यमित्र : २०५ परशुराम : ४०६ पूर्वविदेह (क्षेत्र) : २९८,३००,४५७,४५९,४७० परिशिष्टपर्व : ३०८ पृथु (राजा,वेणपुत्र) : २२५ 'परिषद्-पत्रिका' (त्रैमासिक) :११ टि,२१ टि,२२ टि, पृथ्वीसूक्त : ४५४ २२ टि, २३, २३ टि, पेरिस : २३ २९ टि, १२० टि, १३२ पेशावर (पुरुषपुर) : ४८१ टि, १३३ टि,१३५ टि, पैंगर : २६,११७ १३६ टि,१७० टि,२८६ पौराणिक वास्तुशान्तिप्रयोग : २४४ टि. टि, ४०८ टि, ४६२ टि, प्रज्ञप्ति (विद्या) : ९४,१५७,१५८,१६२ टि ४६४ टि. 'परिषद-पत्रिका' (म.म.गोपीनाथ कविराज प्रज्ञापना (सूत्र) : ४०० स्मृति-तीर्थ :विशेषांक) : १७० टि,१९९ टि. प्रतापसिंह (नेपाल-महाराज) : १५९ टि. पश्चिमविदेह (क्षेत्र) : ४७० प्रतिष्ठान (झूसी) : ४६८ पाटलिपुत्र : २५९,४७५ प्रथमानुयोग : ४९९ पाणिनि (महर्षि :आचार्य) : २५६,५७४ प्रबन्धकोश : २४२,२५७,२६१ प्रबन्धचिन्तामणि : १२३ टि. पाण्डवपुराण (जैनमहाभारत) : ८४ प्रभव (स्वामी): ७३ पादताडितक (भाण) : ३५२ टि. प्रभाचन्द्र:६ पादलिप्तसूरि : ६ पामीर : ४६२ प्रभावकचरित्र :६ प्रभासतीर्थ : ४७९ पारस्करगृह्यसूत्र : १८२ प्रयाग :४६७ पारिजातहरण : १८२ प्रवरसेन : ५०४ पालि-हिन्दी-कोश:५७६,५९७ पावा (जनपद) : ४८२ प्रश्नव्याकरणसूत्र : १७१ पिप्पलाद : ४७६ प्रश्नोपनिषद् : २०२ पी.के. अग्रवाल (डॉ) : २३ प्रसन्नचन्द्र : ५०२ पीयर्स साइक्लोपीडिया : १२० प्रसेनजित् : ४७६,४७७ पुण्यविजय (मुनि) : ६७,६८,७० प्रहरणावरणी (विद्या) : १५९ पुण्यास्रवकथाकोश : ३८ प्राकृत-ग्रन्थ-परिषद् (वाराणसी) : ११२ टि. पुण्याहवाचन : ३३१ टि. प्राकृतप्रबोध : १५७ टि. पुनर्जन्मवाद : ४८८ प्राकृत-भाषाओं का व्याकरण :५०० टि, ५०३ टि, पुनर्जन्मवादी : ४८९ ५०४ टि. पुरुवर्त :जनपद (प्रा.पुरिवठ्ठ) : ४८२ 'प्राकृत-भाषा और साहित्य का पुरश्चर्यार्णव : १५९ टि. आलोचनात्मक इतिहास : ५०३ टि,५२३ टि.
SR No.022622
Book TitleVasudevhindi Bharatiya Jivan Aur Sanskruti Ki Bruhat Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeranjan Suridevi
PublisherPrakrit Jainshastra aur Ahimsa Shodh Samsthan
Publication Year1993
Total Pages654
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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