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महनीयास्पद पं. मथुराप्रसाद दीक्षित (गुरुजी)
की पुण्यस्मृति को
जो प्राकृत के रसलिप्सु तथा हिन्दी-सौध की गहरी नींव की सुदृढ़ शिला थे और जिन्होंने मुझे प्राकृत-साहित्य के अध्ययन की प्रेरणा दी।
-श्रीरंजन सूरिदेव
SR No.
022622
Book Title
Vasudevhindi Bharatiya Jivan Aur Sanskruti Ki Bruhat Katha