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शब्दानुक्रमणिका
दण्डनीति - १९६
दण्डी - २६, ३०, ३२, ३४, ५०, ५३, ५७, ७१, ९५, १०१, १०४, १०७ - १०, १५१, १५९, १७७
दमयन्ती - ३४
दर्पण - २३१
दर्शन - २५२, २६४, २६९
दशमुख - ११७
दशरथ - ५५, ५८, ६३-६४, ६७, ७२-७३,
९९, १०५, १२२-२३, १४८, १८७, १९०, २६८
दशरूपक- ४३, ५४
दशावतारचरित - १८
दानस्तुति - ७, १३
दासगुप्ता, एस०एन० - १६
दिलीप - ३१
दिवाकर- ३६
दिव्यास्त्र - २३६
दी आथर्स ऑफ दी राघवपाण्डवीय एण्ड गद्यचिन्तामणि - ५१
दी जैन पोइम राघवपाण्डवीय ए रिप्लाई टू प्रो० मैक्समूलर - ४४
दीपक - १९०, १९८
दीपवंश - २४
दुकूल - २४३,
२४८, २६१
दुर्गसिंह - ३७, ४५, ४७, ५१, ५४, ५६ दुर्गाध्यक्ष- २२९
दुर्गाप्रसाद - ३७
दुर्मर्षण- ७८, ८२
दुर्योधन- ७३, ७५, ७८, ८२, ११७ दुःशासन- ७८, ८२ दुष्यन्त - ६५
२८९
दूत - २३०
दूध - २४८
दूषण - ७३-७४, ८१-८२, ९९, ११७, ११९-२०, १४०, १४४, १४६, १९२, २६८
दृष्टान्त - १९०-९१, १९८
देवचन्द्र सूरि - २०
देवदारु- २४२, २४४
देवप्रभ सूरि - १८, २०
देवर (कवि) - ६३, ६७
दैवज्ञ - २२८
दोधक - २०३
द्रव्य - २५२
द्राक्षा ( दाख) - २४१ द्रुतविलम्बित-२०६
द्रुपद -८२ द्रोण - ८२, ८९
द्रोणाचल - ७८ द्रोपदी - ७३, ८१, १२५, १४३ द्वादशाङ्गवाणी ( श्रुतस्कन्ध) - १४९, २५० द्वारावती / द्वारका- ६६, ७४-७५, ७९, ८१-८२ द्विसन्धान-महाकाव्य -१-२, ३८, ४२-४३, ४६-५०, ५२-५४, ५६-६०, ६२-६८, ७१, ७९-८४, ८६ - १११, ११४-१५, ११७, १२२-२३, १२५, १३१, १३३, १३५-४०, १४२-४६, १४८-५०, १५२-५९, १६१-७५, १७७-९९, २०१ - ३, २०५, २०८-११, २१३ - १५, २१७-१९, २२१ - २६, २२९, २३१-३४, २३६-६१, २६३-७१
द्व्यर्थ - कर्णपार्श्वस्तव - ४१
द्वयाश्रयकाव्य- ३७