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श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थाकः १९३
॥ श्री महावीरजिनेन्द्राय नमः ॥ श्रीमणिबुद्ध्याणंद हर्ष कर्पूरामृतसूरिभ्यो नमः । नवाङ्गवृत्तिकार श्रीमदभयदेवसूरीश्वररचिता
प्रज्ञापनोपाङ्ग-तृतीयपद संग्रहणी
( श्रवचूरिभूषिता )
संपादक : संशोधकश्च
तपोमूर्ति पूज्याचार्यदेव श्रीविजयकर्पूरसूरीश्वर पट्टधरहालारदेशोद्धारक - पूज्याचार्यदेव श्रीविजयामृतसूरीश्वर-पट्टधरः
पूज्याचार्यदेव श्री विजय जिनेन्द्रसूरीश्वरः
सहायकः
पूज्याचार्यदेवश्री विजय जिनेन्द्रसूरीश्वर सुपदेशेन मुंबई चोपाटीस्थः श्री कल्याणपार्श्वनाथ जैन सङ्घः । प्रकाशिका
श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल - शांतिपुरी (सौराष्ट्र)
मुद्रक :- गौत्तम आर्ट प्रिन्टर्स नेहरु गेट बाहर, ब्यावर
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