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________________ ५६ ] तन्दुलवैचारिकप्रकीर्णकम् पीवरपउडसंठियउवचिय--घणथिरसुषड--सुबहसुसिलिट्ठपव्वसंधी रत्ततलोव-चिय-मउयमंसल-सुजायलक्खण-पसत्य-अच्छिद्दजालपाणी पीवरवटिय-सुजायकोमल-वरंगुलिया तंबतलिण-सुइ-रइरनिडनक्खा चंदपाणिलेहा सूरपाणिलेहा संखपाणिलेहा चक्कपाणिलेहा सुत्थियपाणिलेहा ससिरवि-संखचक्कसुत्थियविभत्त-सुविरइय-पाणिलेहा वरमहिस-वराहसीहसदृदूल-उसभनाग-वरविउल-उन्नयमउयक्वंधा चउरंगुल-सुप्पमाण-कंबुवर-सरिसगीवाअवडिय-सुविभत्तचित्तमंसू मंसलसंठिय--पसन्थसद्ल-विउलहणुया ओयविय-सिलप्पवाल-बिंबफलसन्निभाधरुट्ठा पंडरससिसगलविमल-निम्मल--संखगोक्खीर-कुददगरय-- मुणालियाधवल-दंतसेढी अखंडदंता अफुडियदंता अविरलदंता सुनिद्धदंता सुजायदंता एकदंतसेढी-विव अणेगदंता हुयवह-निद्धतधोय तत्त-तवणिज-रत्ततलतालुजीहा सारस-नवथणिय-महुरगभीर-कुचनिग्योस. हुंदुहि-सरा गरलायय-उज्जुतुगनासा अवदारियपुंडरीयवयणा कोकासिय-धवलपडरीय--पत्तलच्छा आनामिय-चावरुइल-किण्हचिहुरराई-सुसंठिय-संगयआयय-सुजायभुमया अल्लोणपमाण-जुत्तसवणा सुसवणा पीणमंसल-कवोलदेसभागा अहरूग्गय
SR No.022607
Book TitleTandul Vaicharik Prakirnakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayjinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1986
Total Pages166
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_tandulvaicharik
File Size10 MB
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