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________________ * प्रस्तावना प्रभु महावीर देवना हस्तदीक्षित पूज्य मुनिराजश्री वीरभद्र गणिए आ चउशरण पयन्ना सूत्र रचेल छे. तेमणे बी आउर पच्चक्खाण पयन्ना सूत्र रचेल छे. चउशरण पयन्ना सूत्रनी ६३ गाथा छे. तेनी उपर अज्ञातकर्तृक अवचूरि छे. आ पयन्नामां चउशरण स्वीकार, दुष्कृत गर्दा अने सुकृत् अनुमोदना आ त्रण विषयो उपर सुन्दर आराधक भावने जगाडनारी प्रसादी पीरसाई छे. ४५ आगममांनुं आ पण एक सूत्र छे. जेनो दश पयन्ना सूत्रोमा समावेश थाय छे. जिनेश्वर देवना वैनयिकी औत्पातिकी आदि बुद्धिवाला तथा प्रत्येक बुध्य जेटला मुनिओ होय तेटला मुनिओ एक-एक पयन्नो बनावे छे. आ सूत्रना कर्ता श्री वीरभद्र गणि पण प्रभुजीना स्वहस्तदीक्षित शिष्य छे. चार शरण स्वीकारादि आराधना माटे अति उपयोगी ग्रन्थ छे. श्री हा. वो. ओ. तपागच्छ जैन उपाश्रय ४५, दिग्विजय प्लॉट जामनगर (सौराष्ट्र) सं० २०४१ द्वि. श्रा. सुद ५ मंगलवार -जिनेन्द्रसूरि
SR No.022604
Book TitleChatusharan Prakirnakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1985
Total Pages56
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_chatusharan
File Size4 MB
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