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श्रीउत्तराध्ययनसूत्र-पचदशमध्ययनम् अदए पडिसेहिए नियण्ठे, जे तत्थ न पउस्सई स भिक्खू ॥ ११ ॥ जं किंचि आहारपाणजायं, विविहं खाइमसाइमं परेसिं लध्धुं । जो तं तिविहेण नाणुकम्पे, मणवयकायसुसंवुडे स मिक्खु ॥ १२॥ आयामगं चेव जवोदणं च, सीयं सोवीरजवोदगं च । न हीलए पिण्डं नीरसंतु, पन्तकुलाई परिव्वए स भिक्खू ॥ १३ ॥ सद्दा विविहा भवन्ति लोए, दिवा माणुस्सगा तिरिच्छा । भीमा भयमेरवा उराला, सोचा न विहिजई स भिक्खू ॥ १४ ॥ वादं विविहं समिञ्च लोए, सहिए खेयाणुखए य कोवियप्पा । पन्ने अभिभूय सबदंसी, उवसन्ते अविहेडिए स भिक्खू ॥ १५ ॥ अविसप्पजीवी अगिहे अमित्ते, जिइन्दिए सबओ विप्पमुके। अणुकसाई लहुअप्पभक्खी, चेचा गिहं एगचरे स भिक्खू ॥ १६ ॥
त्ति बेमि ॥ इअ सभिक्खुयं समत्तं ॥ १५ ॥
॥ अह बम्भचेरसमाहिठाणाणाम सोलसमं अज्झयणं ॥ सुयं मे आउसं-तेणं भगवया एवमक्खायं । इह खलु थेरेहिं भगवन्तेहिं दस बम्भचेरसमाहिठाणा' पबत्ता, जे भिक्खू सोचा निसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिन्दिए गुनबम्भवारी सया अप्पमत्ते विहरेजा । कयरे खलु ते थेरेहिं भगवन्तेहिं दस बम्भचेरसमाहिठाणा पन्नचा, जे भिक्खू सोचा निसम्म संजमबहूले समाहिबहूले गुत्ते गुत्तिन्दिए गुत्तबम्भयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा ॥ इमे खलु ते थेरेहिं भगवन्तेहिं दस बम्भचेरठाणा पन्नत्ता, जे भिक्खू सोचा निसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्तं गुत्तिन्दिए गुत्तबम्भयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा तंजहा विविचाई सयणासणाई सेवित्ता हवइ से निग्गन्थे । नो इत्थीपसुपण्डगसंसत्ताई सयणासणाई सेवित्ता हवा से निग्गन्थे । तं कहमिति चे । आयरियाह । निग्गन्थस्स खलु इत्थिपसुपण्डगसंसत्ताई सयणासणाई सेवमाणस्स बम्भयारिस्स बम्भचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पजिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीलकालियं वा रोगायकं हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज । तम्हा नो इत्थिपसुपण्डगसंसत्ताइ सयणा पणाइं सेवित्ता हवइ से निग्गन्थे ॥ १॥नो इत्थिणं कहं कहित्ता हवइ से निग्गन्थे । तं कहमिति चे आयरियाह । निग्गन्थस्स खलु इत्थीणं कहं कहेमाणस्स कम्भयारिस्स बम्भचेरे संका वा कंखा वा विइगच्छा वा समुप्पजिजा, भेदं वा लमेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा नो इत्थीणं कहं कहेजा ॥२॥ नो इत्थीणं सद्धिं सन्निसेजागए बिहरित्ता हवह से निग्गन्थे । तं कहमिति चे । आयरियाह । निग्गन्थस्स खलु इत्थीहिं सद्धिं सन्निसेन्जागयस्सा बम्भयारिस्स बम्भचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पजिजा, भेदं वा लभेजा उम्मायं वा पाउणिजा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपन्नत्ताओ धम्माओ भंसेज्जा । तम्हा खलु