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विषय पृष्ठ . विषय
पृष्ठ सावधाचार्यनी कथा
चरणसित्तरीने करणसित्तरीना भेदो १३५ मोक्षमार्गना विनाशक
संविज्ञपाक्षिक- कर्तव्य
१३७ आचार्यना त्रण प्रकार
१३१ आचार्यने शिखामण संविज्ञ पाक्षिकना लक्षणो
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{ यतिस्वरूप-बीजो अधिकार } कोनी साथे विहार करवो?
१४१ कोना हाथथी आहार न लेवो? १६८ अगीतार्थ साथे विहारनो त्याग १४२ संयोजनादि पांच दोषो
१६९ सात नयनुं स्वरूप
१४३ चारित्र-वहन माटे ज आहार कल्पे १७० सप्तभंगी- संक्षिप्त स्वरूप
वास्तविक गच्छ कोने कहेवो? १७१ गीतार्थ मुनिनी श्रेष्ठता १४६ साध्वीसंगनुं वर्जन
१७१ चारित्र-कांटानो मार्ग
१४७ अर्णिकापुत्र आचार्य- वृत्तांत अगीतार्थनो उपदेश झेर सद्दश १४८ वृद्धमुनिने पण साध्वी साथेना ।
१७६ अगीतार्थना पांच प्रकार
१४९ ___वार्तालापनो निषेध । अगीतार्थना संगथी अध:पतन
स्त्रीजातिमां दूषणो
१७७ सुमतिनुं वृत्तांत
स्त्रीवाचक शब्दोना विविध अर्थो १७८ जळमनुष्य- स्वरूप
१५३ स्त्रीना दूषणो संबंधी अन्य ) रागी ने क्रोधी शिष्यवाळा ।
शास्त्रकारो, कथन
१७९ १५५ गच्छनो त्याग
कूलवालुक मुनिनीकथा (फुटनोटमां)
१८० सारा गच्छमां वास करवाथी लाभ १५६ मणिरथनी कथा (फुटनोटमा) १८१ केवा साधुओ निर्जरा करी शके?
अग्निसमीपे घीनी माफक स्त्री १८३. स्कंदकाचार्य- वृत्तात (फुटनोटमां) १५८ संसर्गनो सदंतर त्याग स्कंदिक मुनिनी कथा (फुटनोटमा) १५८ राजीमती ने रथनेमिनुं वृत्तांत १८३ धन्ना काकंदीनी कथा (फुटनोटमां) १५९ साध्वीसंग-एक मुश्केल बंधन १८५ गजसुकुमालनी कथा (फुटनोटमां)
साध्वीनुं कई रीते रक्षण करवू? दश प्रकारनी समाचारी
१५९ स्थानांगसूत्रमा दर्शावेल साधु । पडिलेहण- सुंदर स्वरूप
१६० साध्वीओने एकत्र रहेवाना . १८६ आवश्यक संबंधी वर्णन
१६२ पांच स्थळो सत्तर प्रकारनो संयम
१६५ लब्धिधारी पण चारित्रभ्रष्ट १८७ वाणीना प्रकार
१६५ साधुनो त्याग आहार- प्रमाण
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