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॥ प्रभुझानंद द
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जमः ॥
जनसुरीश्वरजण रुग्गुरुभ्यो नमः ॥
पूज्यपाद श्री उजवसूरीश्वरजी संदब्ध
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श्री दशवैकालिक - सूत्र
(हिन्दी शब्दार्थ भावार्थ सहित)
आशिर्वाद दाता गांभीर्यादिगुणालंकृत वर्तमानाचार्यदेव श्रीमद् विजय जयंतसेनसूरीश्वरजी म. सा.
सम्पादन- मुनि श्री जयानंदविजयजी म. सा.