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पायद्वाणं.
बोजाविले ययई अदत्तं तरहानिभूयस्स दत्तहारिणो गन्धे व्यतित्तस्स परिग्गहे य । मायामुखं वइ लोनदोसा तत्थावि दुक्खा न विमुञ्चई से मोसस्स पहा य पुरत्थयो य पओगकाले य 5ही पुरन्ते । एवं दत्ताणि समाययन्तो
गन्धे तितो हियो अणिस्तो
गन्धाणुरत्तस्स नरस्स एवं कत्तो सुहं दोऊ कयाइ किंचि । तत्योवनोगे वि किलेसदुक्खं
निवत्तई जस्स करण दुक्खं एमेव गन्धम्मि गयो पत्रोसं उवे दुक्खोहपरंपराओ । पट्टचितोय चिणाइ कम्मं
जं से पुणो होइ डुहं वित्रागे गन्धे विरत्तो मणुओ विसोगो
एएण डुक्खोहपरंपरेण । न लिप्पए जवमज्जे वि सन्तो । जलेण वा पोक्खरिणीपलासं
जीहाए' रसं गहणं वयन्ति
१ Ch. (चा. ) जिब्भाए.
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