________________
199
सामायारी
पढमं पोरिसिं सज्झायं बीयं झाणं झियायई । तइयाए निद्दमोक्खं तु चउत्थी भुज्जो वि सज्झायं ॥ १८ ॥ जं नेइ जया रति नक्खत्तं तमि नहचउब्भाए । संपत्ते विरमेज्जः उज्झायं पओसकालम्मि ॥ १९ ॥ तमेव य नक्खत्ते गयणचं उभागसावसेसंमि ! वेरत्तियं पि कालं पडिले हित्ता मुणी कुज्जा ॥ २८ ॥ पुव्विल्लमि चउभाए पडिलेहित्ताण भण्डयं । गुरुं वन्दित्तु सज्झायं कुज्जा दुक्खविमोक्खणं ॥ २१ ॥ पोरिसीए चउभाए वन्दित्ताण तओ गुरुं । अपडिक्कमित्ता कालस्स भायणं पडिलेहए ॥ २२ ॥ मुहपोत्तिं पडिलेहित्ता पडिले हिज्ज गोच्छगं । गोच्छगलइयं गुलिओ वत्थाई पडिलेहए ॥ २३ ॥
[ – २६.३२
उ थिरं अतुरियं पुव्वं ता वत्थमेव पडिलेहे । तो बिइयं पप्फोडे तइयं च पुणो पमज्जिज्जा ॥ २४ ॥ अणच्चावियं अवलियं अणाणुबन्धि अमोसलिं चेव । छप्पुरिमा नव खोडा पाणीपाणिविसोहणं ॥ २५ ॥ आरभडा सम्मद्दा वज्जेयव्वा य मोसली तइया । पप्फोडणा चउत्थी विक्खित्ता वेश्या छट्ठी ॥ २६ ॥ पसिढिलपल म्बलोला एगा मोसा अणेगरूवधुणा । कुणइ पमाणिपमायं संकियगणणोवगं कुज्जा ॥ २७ ॥ अणूणाइरित्तपडिलेहा अविवच्चासा तहेव य । पढमं पयं पसत्थं सेसाणि य अप्पसत्थाई ॥ २८ ॥ पडिलेहणं कुणन्तो मिहोकहं कुणइ जणवयकहं वा । देइ व पच्चक्खाणं वाएड सयं पडिच्छइ वा ॥ २९ ॥ पुढवी- आउक्काए तेऊ- वाऊ - वणस्सइ-तसाणं । पडिलेहणापमत्तो छण्हं पि विराहओ होइ ॥ ३० ॥ पुढवी - आउक्काए तेऊ - वाऊ - वणस्सइ-तसाणं । पडिलेहणाआउत्तो छण्हं संरक्खओ होइ ॥ ३१ ॥ तइयाए पोरिसीए भत्तं पाणं गवेसए । छण्हं अन्नयरागम्मि कारणंमि समुट्ठिए ॥ ३२ ॥