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उत्तराध्ययनसूत्रम् (अध्ययनं १०) ३१ काउकायमइगओ, उक्कोस जीवो उ संवसे । कालं" संखाईय, समय गोयम मा पमायए ॥ ६ ॥ तेउकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । काल संखाईयं, समय गोयम मा पमायए ॥ ७॥ वाउक्कायमइगओ, उक्कोस जीवो उ संवसे । काल संखाईयं, समय गोयम मा पमायए ॥ ८ ॥ वणस्सइकायमइगओ उक्कोसं जीबो उ संवसे । कालमणतदुरंतयं, समय गोयम मा पमायए ॥ ९॥ बेइंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । काल संखिज्जसन्नियः समयं गोयम मा पमायए ॥ १० ॥ तेइंदकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ संवसे । काल संखिन्नसन्निय, समय गोयम मा पमायए ॥११॥ चउरिदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ सवसे । काल संखिज्जसन्निय, समय गोयम मा पमायए ॥ १२ ॥ पंचिंदियकायमइगओ, उक्कोसं जीवो उ सवसे । सत्तटुभवगहणे, समय गोयम मा पमायए ॥ १३ ॥ देवे नेरइए यमइगओ, उक्कोसँ जीवो उ संवसे । इक्केकभवगहणे, समयं गोयम मा पमायए ॥ १४ ॥ एवं भवसंसारे, संसरइ सुहासुहेहि कम्मेहिं । जीवो पमायबहुलो, समयं गोयम मा पमायए ।। १५ ।। लद्धण वि माणुसत्तणं, आयरिअत्तं पुणरावि दुल्लह । बहबे दसुया मिलक्खुया, समय गोयम मा पमायए ।।१६।।