SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 94
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ७५ ] प्रश्न-स्थापना निक्षेप किसे कहते हैं ? उत्तर-जो वस्तु मूल वस्तु की प्रतिकृति, मूर्ति अथवा चित्र हो या ऐसी कोई भी चीज जिसमें मूल वस्तु का आरोप किया गया हो तो वह स्थापना निक्षेप है। जैसे किसी महापुरुष का चित्र मूर्ति, आदि स्थापना हैं। प्रश्न-द्रव्य निक्षेप किसे कहेंगे ? उत्तर-जो अर्थ भाव निक्षेप का पूर्व रूप अथवा उत्तर रूप हो, वह द्रव्य निक्षेप है। जैसे कोई ऐसा व्यक्ति है, जो वर्तमान में सेवा कार्य नहीं करता, परन्तु या तो उसने भूतकाल में सेवा कार्य किया था या भविष्य में करने वाला है तो वह द्रव्य सेवक है। प्रश्न-भाव निक्षेप से क्या तात्पय है ? उत्तर-जिस अथ में शब्द का व्युत्पत्ति निमित्त और प्रवृत्ति निमित्त समान रूप से घटित होता हो वह भाव निक्षेप है। ऐसा व्यक्ति जो सेवा का कार्य करता है, भाव सेवक कहलायगा। प्रश्न-सम्यक् दशन आदि मोक्ष मार्ग के और जीव अजीव आदि तत्वों के चार विभाग- निक्षेप संभवित हैं, तो यहां कौन से समझे ? उत्तर-प्रस्तुत प्रकरण में भाव रूप समझना । प्रश्न-संक्षेप में नाम सन्बन्धी विवेचन कीजिये। उत्तर-नाम दो तरह के होते हैं-यौगिक और रूढ़। रसोईया, कलईगर आदि यौगिक नाम हैं । गाय, घोड़ा आदि रूढ़ शब्द हैं । यौगिक शब्द व्युत्पत्ति निमित्त हैं। और रूढ़ शब्द प्रवृत्ति निमित्त क्योंकि उनका अर्थ रूढ़ि के अनुसार होता है।
SR No.022554
Book TitleSyadvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShankarlal Dahyabhai Kapadia, Chandanmal Lasod
PublisherShankarlal Dahyabhai Kapadia
Publication Year1955
Total Pages108
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy