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________________ TES ELELLEEEEEE " " चतुर्थी " -शशिने शशिभ्यः पंचमी " शशिनः षष्ठी " -शशिनोः जबामा शशिनाम सप्तमी " "शशिनि "शशिष सम्बोधन हे शशिन्- हे शशिनौ हे शशिनः सकारान्त-नपुंसकलिंग-शब्दः पयस्' एकवचनम् का द्विवचनम का बहवचनम। प्रथमा विभक्तिः पयः पयसी का पयांसि द्वितीया तृतीया म पयसा पयोभ्याम् मित पयोभिः फिर चतुर्थी " पयसे पयोभ्यः पंचमी पयसः षष्ठी पयसोः पयसाम् शिकार सप्तमी " पयसि पयस्सुका सम्बोधन हे पयः हे पयसी हे पयांसि सर्वनाम-शब्दाः किम्, यत्, अन्य, सर्व, अनेक, पूर्व -इन शब्दों के रूप 'तद्' या 'एतद्' के समान होते हैं, जो भाग 2 में दिए गए थे। फिर भी 'किम्' शब्द के रूप यहाँ दिए जा रहे हैं। शेष सर्वनाम शब्दों के रूप भी इसी प्रकार चला लें (The above words are declined like तद् or एतद् given in part 2. The word op is declined below. Decline the other pronoun words accordingly). विशेष-सर्वनाम शब्दों का सम्बोधन नहीं होता (Pronoun words do not have vocative forms) बार किम् (पुंल्लिग) एकवचनम् शिद्विवचनमः बहुवचनम् प्रथमा विभक्तिः द्वितीया कान् काभ्याम् चतुर्थी केभ्यः कः कम तृतीया " केन कस्मे 96
SR No.022546
Book TitleSanskrit Sopanam Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Gambhir
PublisherPitambar Publishing Company
Publication Year2003
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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