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श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रे
[ तच्वार्थधिगम सूत्र की, पद्यानुवाद विवेचना, है रची हरिगीतिका में तत्त्वार्थ की संबोधना। अध्याय नवमा पूर्ण है, संवर निर्जर श्रुत भरा,
अध्यात्म पथ के पथिक विचरो, सुशील वचनामृत खरा॥ ॥ इति श्री तत्त्वार्थाधिगम सूत्र के नवमाध्याय का पद्यानुवाद समाप्त ॥