SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 86
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ९।१ ] श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रे # ॐ ह्रो अर्हते नम: ॐ श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् ॥ तस्यायं * नवमाध्याय का हिन्दी पद्यानुवाद * * संवर तथा उसके साधन * ॐ सूत्राणि - आश्रव निरोधः संवरः ॥१॥ स गुप्ति समिति धर्मानुप्रेक्षा परीषहजय चारित्रैः ॥२॥ तपसा निर्जरा च ॥३॥ सम्यग योगनिग्रहो गुप्तिः ॥४॥ ईर्या भाषणादान निक्षेपोत्सर्गाः समितयः ॥५॥ * हिन्दी पद्यानुवाद - आश्रव का जो रोध करे तो, संवर शुभ श्री प्राप्त करे। संवर भाव उदय होते ही, भवोदधि को पार करे। गुप्ति समिति धर्म के संग, अनुप्रेक्षा को समादरे। परीषह चारित्रधारित प्राणी, संवर का वह वरण करे॥ तप ही साधन है संवर का, निर्जरा भी हो जाती है, नवम अध्याय संवर के गुण, अभिव्यक्ति से गाती है। सम्यग् विधि से योग निग्रह, गुप्ति परम है साधना, मनसा, वचसा और काय से, त्रिधा करो आराधना॥
SR No.022536
Book TitleTattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 09 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysushilsuri
PublisherSushil Sahitya Prakashan Samiti
Publication Year2008
Total Pages116
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy