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श्री सुशील साहित्य प्रकाशन समिति
का सप्रेम निवेदन
मान्यवर श्री........
साहित्य समाज का प्रतिबिम्ब कहा जाता है, जिसमें मौलिक साहित्य का महत्त्व सर्वाधिक है।
मौलिक साहित्य के पठन से आपके परिवार में अच्छे संस्कारों का सिंचन होगा, जिससे जीवन में प्रेम और शान्ति के फूल खिलेंगे । * प्राध्यात्मिक विकास के लिए तत्त्व-चिन्तन का साहित्य । * स्वस्थ जीवन के लिए मौलिक चिन्तन का साहित्य । ॐ जीवन के शाश्वत मूल्यों को उजागर करने वाला कथासाहित्य ।
के भीतरी समस्या को सुलझाने वाला प्रेरक साहित्य । यह सब प्राप्त करने के लिए पाप श्री सुशील साहित्य प्रकाशन समिति (रजि.) द्वारा प्रकाशित धार्मिक साहित्य पढ़िये ।।
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