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* पट्टावली * (श्री सुधर्मास्वामी जी से पूज्य गुरुदेव तक) निर्ग्रन्थ गच्छ
--- स्वर्गवास वीर सं. १. पंचम गणधर श्री सुधर्मास्वामी जी २. चरम केवली श्री जम्बुस्वामी जी ३. श्रुतधरों की परम्परा में सर्वप्रथम श्री प्रभवस्वामी जी ४. चौदह विद्यानों के पारगामी श्री शय्यंभव सूरि जी ५. चौदह पूर्वधारी श्री यशोभद्र सूरि जी (प्रथम) ६. श्रुतकेवली श्री सम्भूति विजय सूरि जी ७. प्रागमरचनाकार श्री भद्रबाहु सूरि जी व
१७० दृष्टिवाद के अनुपम लब्धिकार श्री स्थूलिभद्र स्वामी जी ८. विशुद्धतमचारित्रपालक आर्यश्री महागिरि जी व
सम्राट् सम्प्रति प्रतिबोधक अार्यश्री सुहस्ति सूरि जी ___६. कोटिकगच्छ प्रारम्भ करने वाले प्रार्यश्री सुस्थित-सुप्रतिबद्ध सूरि जी ३३६
१
२१५
२४५
कोटिकगच्छ १०. सद्गुणों के स्वामी स्थविर श्री इन्द्रदिन्न सूरि जी ११. शासनप्रभावक स्थविर श्री दिन्न सूरि जी १२. ज्ञानसम्पन्न स्थविर श्री सिंहगिरि सूरि जी १३. लब्धिप्रभावक स्थविर श्री वज्रस्वामी जी १४. धर्मप्रभावक स्थविर श्री वज्रसेन सूरि जी
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५२२
५८८
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चन्द्रगच्छ १५. चन्द्रगच्छ स्थापक स्थविर श्री चन्द्रसूरि जी
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