________________
सुमधुर प्रवचनकार पू. पंन्यासप्रवर
श्रीत्त्वाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाथिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत श्रीवत्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत । श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत बीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीत वीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत श्रीतत्त्वाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाथिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत बीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत बीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत पीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् बीतत्त्वार्थाधिगमसत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिरामसत्रम श्रीत तत्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत बीतत्त्वार्वाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत होत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत देतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत ईतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत तित्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत तत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत तित्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत
चार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री त्त्विाचाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर
वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर स्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर त्त्विार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिरामसूत्रम् श्रीर त्विार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वाधिगमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वाधिगमसूत्रम् श्रीर स्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीत जाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिनमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर वाधिगमसत्रम श्रीतत्वार्थाधिगमसनम श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थापिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीद त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर
वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री त्विाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीर त्त्विार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीर उत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीर तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर त्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसत्रम श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर। त्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर
वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीर त्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्याधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री तत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्रीतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् श्री
श्री जिनोत्तम विजय जी गणिवर्य म. (प्रथम फ्लैप का शेष को आपने विनय में समाविष्ट कर लिया है। तीर्थोद्धार में आपकी रुचि अद्वितीय है। आप कहते हैं- तीर्थ संस्कृति के अनुपम केन्द्र हैं। समाज को सप्तव्यसनों से मुक्त करने हेतु वे कर्मयोगी सतत जागरूक हैं। कवि महर्षि भर्तृहरि के शब्दों में वे 'अलंकरणं भूवः' हैं। वे हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, गुजराती आदि भाषाओं के पण्डित हैं, तथा साहित्यशिरोमणि सहदय, महर्षि हैं। आपश्री जी की शुभनिश्रा में ११८ जिनमन्दिरों की अंजनशलाका-प्रतिष्ठाये सम्पन्न हुई हैं। करुणासागर को शत-शत । प्रणाम।
* अलंकरण * १. साहित्यरल, शास्त्रविशारद एवं कविभूषण अलंकरण -
श्री चरित्रनायक को मुंडारा में पूज्यपाद आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय-दक्ष सूरीश्वरजी म. सा. के वरद हस्त से
अर्पित है। २. जैनधर्मदिवाकर - वि.सं. २०२७ में श्री जैसलमेर तीर्थ
के प्रतिष्ठा-प्रसंग पर श्रीसंघ द्वारा। ३. मरुधरदेशोद्धारक - वि. सं. २०२६ में रानी स्टेशन के
प्रतिष्ठा प्रसंग पर श्रीसंघ द्वारा। ४. तीर्थप्रभावक - वि.सं. २०२८ में श्री चंवलेश्वर तीर्थ में
संघमाला के भव्य प्रसंग पर श्री केकड़ी संघ द्वारा। ५. राजस्थान-दीपक - वि. सं. २०३१ में पाली नगर में
प्रतिष्ठा प्रसंग पर श्रीसंघ द्वारा। ६. शासनरल - वि.सं. २०३१ में जोधपूर नगर में
प्रतिष्ठा-प्रसंग पर श्रीसंघ द्वारा। ७. श्री जैन शासन शणगार - वि.सं. २०४६ मेड़ता शहर
में श्री अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रसंग पर। प्रतिष्ठा शिरोमणि - वि. सं. २०५० श्री नाकोड़ा तीर्थ पर चातुर्मास के प्रसंग पर नाकोड़ा ट्रस्ट मण्डल द्वारा।