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साहित्यसम्राट
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परम पूज्य आचार्य देवेश श्रीमद् विजय लावण्य सूरीश्वरजी महाराज साहब
साहित्य के सम्राट हो, शास्त्रविशारद जान । स्वय शारदा ने दिया, जैसे गरूको ज्ञान । व्याकरण-वाचस्पति, काव्य कला अभिराम । श्री लावण्य सूरीश्वरा, वन्दन आठों याम ॥