________________
उमास्वातिकृत प्रशमरतिप्रकरण : एक अध्ययन 255 37. पंचास्तिकाय, कुन्दकुन्द महान दिगम्बर जैन तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट, टोडरमल
स्मारक ट्रस्ट, जयपुर, 1984, गाथा 108 । 38. गोम्मटसार (जीवकाण्ड), श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, 1985, गाथा
621। 39. अजीवकाया धर्माधर्माकाशपुद्गलाः - तत्त्वार्थसूत्र, सूत्र 5.1 । 40. 'जीवाश्च' – वही, सूत्र 5.3। 41. 'कालश्चेत्येके', वही, सूत्र 5.38। 42. 'आऽऽकाशादेकद्रव्याणि', वही, सूत्र 5.5; निष्क्रियाणि च - वही, सूत्र
5.6। 43. उत्तराध्ययनसूत्र, गा. 28.7। 44. पं. दलसुख मालवणिया, आगमयुग का जैन दर्शन, प्राकृत भारती
अकादमी, जयपुर, द्वितीय संस्करण 1990, पृ. 214। 45. व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र, भाग-4, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, 1986% __शतक 25 उद्देशक 4, सूत्र 8 एवं अनुयोगद्वारसूत्र, आगम प्रकाशन समिति,
ब्यावर, 1987, सूत्र 269 । 46. प्रशमरतिप्रकरण, गा. 207अ 47. अनेकानुयोगनयप्रमाणमार्गः समनुगम्यम् - वही, गा. 229। 48. प्रमाणनयैरधिगमः - तत्त्वार्थसूत्र, सूत्र .... । 49. वही, सूत्र 1.5। 50. वही, सूत्र 1.7-81 51. वही, सूत्र 1.5। 52. एभिश्च निर्देशादिभिः षड्भिरनुयोगद्वारैः – तत्त्वार्थभाष्य, सूत्र 1.7। 53 सद्भूतपदप्ररूपणादिभिरष्टाभिरनुयोगद्वारैः सर्वभावानाम् – वही, सूत्र 1.8। 54. आवश्यकनियुक्ति, नियुक्तिसंग्रह, श्री हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, खारी
बावल, जामनगर (गुजरात), 1989, गा. 13, 8.95। 55. षट्खण्डागम। 56. प्रशमरतिप्रकरण, कारिका 224-225 । 57. तत् प्रमाणे - तत्त्वार्थसूत्र, सूत्र 1.10। 58. नन्दीसूत्र, आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, 1991, गा. 2। 59. ज्ञानमथ पञ्चभेदं तत् प्रत्यक्षं परोक्षं च। - प्रशमरतिप्रकरण, कारिका 224 ।