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तस्वार्थसूत्रअध्या पहिले चारलौं, पहिलो जीव बखान । पंचम अध्याये विर्षे, पुदगल तत्त्व बखान ॥५॥
आश्रव छ? सातमें, अष्टम बन्ध निदान । नवमें संवर निर्जरा, दशमें मोक्ष महान ॥६॥ वर्णन सातौ तत्त्वको, दश अध्याए माहि। यथाशक्ति अवधारियो, कियो सुनो शक नाहिं ॥७॥ धारनकी जो शक्ति नहिं, सरधा करियो जान । सरधावान सु जीवडा, अजर अमर हू मान ॥८॥ तपकरना व्रतधारना, संयम शरण निहार । जीवदया व्रतपालना, अन्त समाधि सुधार ॥९॥ छोटेलाल या विध कहैं, मनबचतन निरधार । चारोगति दुखमेटिकैं, करै कर्मगति छार ॥१०॥
कविनाम ठाम वर्णन।
दोहा। जिला अलीगढ जानियों, मेडू ग्राम सु ठाम । मोतीलाल सु पूत हौं, छोटेलाल सु नाम ॥१॥ जैसवार कुल जान मम, श्रेणी बीसा जान । बंश इक्ष्वाक महानमें, लयो जन्म भुवि आन ॥२॥