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1. व्यंजन पर्याय
2. अर्थ पर्याय
1. व्यंजन पर्याय
व्यंजन पर्याय स्थूल पर्याय है। इसे शब्दों के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है तथा यह सर्वसाधारण के ज्ञान का विषय बन सकता है। जैसे- बच्चे का युवा हो जाना, काले बालों का सफेद हो जाना आदि व्यंजन पर्याय के उदाहरण हैं। ये ऐसी पर्यायें हैं, जो बुद्धिगम्य, त्रिकालस्पर्शी और शब्दों के द्वारा अभिव्यक्त होती हैं।
2. अर्थ पर्याय
अर्थ पर्याय सूक्ष्म पर्याय है। इन चर्म चक्षुओं द्वारा उसे देखा नहीं जा सकता। प्रतिक्षण परिवर्तन होने के बाद भी उसके आकार में कोई परिवर्तन नजर नहीं आता। जो केवल वर्तमानवर्ती है। शब्दों के द्वारा जिसे अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता, वह अर्थ पर्याय है। एक दूसरी दृष्टि से भी पर्याय के दो भेद किये गए हैं1. स्वभाव पर्याय
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2. विभाव पर्याय
1. स्वभाव पर्याय
जिस परिवर्तन में किसी बाह्य पदार्थ की अपेक्षा नहीं रहती । दूसरी वस्तु के निमित्त के बिना जो सहज परिवर्तन होता रहता है, उसे स्वभाव पर्याय कहा जाता है। जिस प्रकार समुद्र में हवा आदि बाह्य निमित्तों के न होने पर भी ज्वार उठता है, ज्वार का उठना पानी की स्वभाव पर्याय है। संसार में घट, पट आदि जितने भी पदार्थ हैं, उनमें प्रतिक्षण बिना किसी निमित्त के जो सूक्ष्म परिवर्तन होता रहता है, वह स्वभाव पर्याय है।