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भावनात्मक तनाव, निषेधात्मक दृष्टिकोण, मानसिक चंचलता,
* हीनभावना,
वैचारिक आग्रह।
हिंसा : बाह्य कारक तत्त्व * असन्तुलित समाज व्यवस्था, असन्तुलित राजनीतिक व्यवस्था, जातीय और रंगभेद की समस्या, * मानवीय संबंधों में असंतुलन, आर्थिक स्पर्धा और अभाव,
समाचार-पत्र, मीडिया |
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1. हिंसा का कारण अभाव
जीवन की न्यूनतम आवश्यकताएँ हैं - रोटी, कपड़ा और मकान। इनका अभाव होने पर व्यक्ति हिंसक बन जाता है। भूखा व्यक्ति, गरीब व्यक्ति अपने जीवन को चलाने के लिए हिंसा का सहारा लेता है। क्योंकि जिजीविषा जीने की चाह प्राणी मात्र की मौलिक मनोवृत्ति है।
2. असंतुलित आहार
मनुष्य के आहार का इसीलिए कहा जाता
हिंसा का कारण है - असंतुलित आहार । उसके स्वभाव के साथ गहरा संबंध होता है। है - जैसा खाए अन्न, वैसा होवे मन। तामसिक और राजसिक भोजन व्यक्ति के भीतर मूर्च्छा और चंचलता पैदा करते हैं। मूर्च्छा और चंचलता हिंसा को बढ़ावा देती हैं।