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२४. वादीभसिंह; २५. प्रभाचन्द्र; २६. कुमारनन्दि; २७. शाकटायन; २८. वसुनन्दि, २९. विद्यानन्द ३०. माणिक्यनन्दि; ३१. सिद्धर्षि; ३२. अनन्तकोर्ति; ३३. सोमदेवः ३४. अनन्तवीर्य; ३५. अभयदेव;३६. वादिराज; ३७ प्रभाचन्द्र; ३८. देवसेन; ३९. माइलधवल; ४०. जिनेश्वर; ४१. शान्तिसरि; ४२. अनन्तवीर्य (द्वितीय); ४३. चन्द्रप्रभ; ४४. मुनिचन्द्र; ४५. श्रीचन्द्र; ४६. देवसूरि; ४७. हेमचन्द्र; ४८. देवभद्र ; ४९. यशोदेव; ५०. चन्द्रसेन; ५१. रामचन्द्र; ५२. रत्नप्रभ; ५३. देवभद्र (द्वितीय), ५४. परमानन्द; ५५. महासेन; ५६. अजितसेन; ५७. चारुकीर्ति; ५८. अभयचन्द्र; ५९. आशाधर; ६०. समन्तभद्र ( द्वितीय ); ६१. भावसेन; ६२. नरचन्द्र; ६३. अभयतिलक; ६४. मलिषेण; ६५. सोमतिलक; ६६. राजशेखर; ६७. ज्ञानचन्द्र; ६८. जयसिंह; ६९. धर्मभूषण; ७०. मेरुतुंग; ७१. गुणरत्न; ७२. भुवनसुंदर; ७३. रत्नमण्डन; ७४. जिनसूर; ७५. साघुविजय; ७६. सिद्धान्तसार; ७७. शुभचन्द्र; ७८. विनयविजय; ७९. पद्मसुन्दर, ८० विजयविमल; ८१. राजमल; ८२. पद्मसागर; ८३. शुभविजय; ८४. भावविजय; ८५. यशोविजय; ८६. भावप्रभ; ८७. यशस्वत्-सागर; ८८. नरेंद्रसेन; ८९, विमलदास; ९०. भोजसागर; ९१. क्षमाकल्याण; ९२. अन्य लेखक; ९३. अन्य विषयों के ग्रंथों में तार्किक अंश; ९४. खण्डनमण्डनात्मक साहित्य; ९५. देशी भाषाओं में तार्किक साहित्य; ९६.. आधुनिक प्रवृत्तियां; ९७. तार्किक साहित्य के इतिहास के प्रयत्न; ९८. तार्किक साहित्य का युगविभाग; ९९. उपसंहार; १०० ऋणनिर्देश.