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________________ -५५ ] मायावादविचारः १८७ किं च । सर्वे शब्दाः दृष्टार्थे संकेतिता अपि दृष्टादृष्टसजातीयार्थेषु प्रतिपत्तिं जनयन्ति । न च प्रतिपदार्थ संकेतः क्रियते । पदार्थानामानन्त्येन प्रत्येकं संकेतयितुमशक्यत्वात् । तथा च ब्रह्मस्वरूपस्य प्रमाणगोचरत्वाभावेन दृष्टादृष्टसजातीयत्वाभावाच्छब्दात् तत्प्रतिपत्त्यसंभव एव स्यात् । श्रवणात् तत्प्रतिपत्त्यभावे तत्र मननस्याप्यसंभव एव श्रवणमननयोरगोचरत्वे च ध्येयत्वासंभवानिदिध्यासनगोचरत्वमपि न स्यात्। तत्साक्षात्कारोऽपि कथं जायते । तत्साक्षात्काराभावे कथं सविलासाविद्यानिवृत्तिरूपो मोक्षः स्यात् यतस्तदर्थविचारकः प्रवर्तेत। अथवा ब्रह्मस्वरूपस्य श्रवणमनननिदिध्यासनसाक्षात्कारगोचरत्वे दृश्यत्वेन बाध्यता स्यात् । तथाप्यबाध्यत्वे प्रपञ्चस्याप्यबाध्यत्वं स्यात् । तस्मात् प्रमात. प्रमाणप्रमितिप्रमेयमेव तत्त्वं ततोन्यत् तत्वं नास्तीति प्रमाणतयैव निश्चीयते। [ ५५. वेदान्तमते प्रमातृस्वरूपायुक्तता । ] तथापि तन्मते प्रमाता विचार्यमाणो न जाघटयते। तथा हि। शब्दों में देखे हुए पदार्थों का ही संकेत किया जाता है किन्तु उस संकेत से देखे हुए पदार्थों से समानता रखनेवाले नये पदार्थों का भी बोध होता है। पदार्थ अनन्त हैं अतः प्रत्येक पदार्थ के लिए स्वतन्त्र शब्द का संकेत नही होना - समानरूप कई पदार्थों के लिए एक शब्द का संकेत होता है। किन्तु ब्रह्मस्वरूप प्रमाण से ज्ञात ही नही होता अतः उस के समान कोई पदार्थ है यह कहना भी संभव नही - इस लिए उस के विषय में किसी शब्द का संकेत नही हो सकता। शब्द से ब्रह्म का ज्ञान नही होता - श्रवण नही होता अतः उस का मनन और निदिध्यासन भी असंभव है। इन के अभाव में साक्षात्कार, अविद्या की निवृत्ति, मोक्ष, मोक्ष के लिये प्रयत्न - ये सब निराधार सिद्ध होते हैं। अतः प्रपंच को अबाधित मानना चाहिए। तथा प्रमाण, प्रमाता, प्रमेय एवं प्रमिति इन से भिन्न किसी तत्व का अस्तित्व नही मानना चाहिए। ५५. वेदान्त में प्रमाता का स्वरूप—इतने विवेचन के अतिरिक्त वेदान्त मत में प्रमाता का जो स्वरूप कहा है वह भी युक्ति-- १ प्रपञ्चो मिथ्या दृश्यत्वात् स्वप्नप्रपञ्चवदित्युक्तत्वात् ।
SR No.022461
Book TitleVishva Tattva Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year1964
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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