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॥ श्री महावीराय नमः ॥
न्यायाचार्य-न्यायविशारद-स्वपरसमयरहस्यवेदिश्रीमद् यशोविजयोपाध्यायविरचित * वादसंग्रह *
(१) कूपदृष्टान्तविशदीकरण
(२) पापमाला (२) (३) विषमतावाद
(४) वायूष्मादेः प्रत्यक्षाऽप्रत्यक्षत्वविवादरहस्य
(५) वादमाला (३)
प्रकाश
भारतीय प्राच्य तत्त्व- प्रकाशन समिति पिंडवाड़ा स्टे. - सिरोहीरोड़ (राज.)