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( ४१ ) बंगला----यथा येइ प्राणीते कोनओ प्रकारेर रोग आछ । ये हेतु इहा चेष्टा निरामयेर न्याय बोध हय ना । ए स्थले व्याधिविशेष हइते विरुद्धपदार्थेर कार्य निरामय चेष्टा । एइ जन्य निरामय चेष्टार अभावद्वारा व्याधिविशेषेर अनुमान करा याइत पारे ।। ८७॥ विरुद्धकारणानुपलब्धिका उदाहरणविरुद्धकारणानुपलब्धिर उदाहरण
अस्त्यत्र देहिनि दुःखमिष्टसंयोगाभावात् ॥८८॥
हिंदी--यह प्राणी दुःखी है क्योंकि इसके पिता माता आदि प्रियजनोंका संबंध छूट गया है यहां पर दुःखसे विरुद्ध सुखका कारण इष्टसंयोग है इसलिये इष्टसंयोगके अभावसे दुःखका अनुमान किया जाता है ।।८८॥
बंगला—एइ व्यक्ति दुःखी । ये हेतु इहार पिता माता प्रभृति प्रियजनेर वियोग हइया छे । ए स्थले दुःखहइते विरुद्ध सुखेर कारण इष्टसंयोग । अतएव एइ इष्टसंयोगेर अभाव द्वारा दुःखेर अनुमान करा गेल ॥ ८८ ॥ विरुद्धस्वभावानुपलब्धिका उदाहरणविरुद्धस्वभावानुपलब्धिर उदाहरण
अनेकांतात्मकं वस्त्वेकांतस्वरूपानुपलब्धेः ॥८६॥ • हिंदी-हर एक पदार्थ नित्य अनित्य आदि अनेक धर्म वाला है क्योंकि केवल नित्यत्व आदि एक धर्मका अभाव है।