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मुनिश्री अन्तकीर्ति दिगम्बर जैनग्रंथमालाका तृतीय पुष्प ।
श्रीवीतरागाय नमः ।
प्रमेयरत्नमालान
अर्थात्
श्री माणिक्यनन्दि प्रणीत परीक्षामुख सूत्रकी श्रीमदनन्तवीर्य सूरिकृत संस्कृत टीकाकी
जयपुरनिवासी पंडितप्रवर जयचन्द्रजीकृत
भाषा वचनिका ।
प्रकाशक
मुनि अनंतकीर्ति ग्रन्थमाला समिति ।
प्रथमावृत्ति ]
13-6-0