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प्रस्तावना की विषय-सूची
पूर्वभाग 1. यशस्तिलक की कथावस्तु 1 2. यशस्तिलक में समागत धार्मिक प्रसंग 6 3. सोमदेव और उनका युग
समय और स्थान 13, सोमदेव-सम्बन्धी एक शिलालेख 14, समकालीन विद्वान् 15, पूर्वज
तथा उत्तरकालीन विद्वान् 16, वैदुष्य परिचय 16 4. उपासकाध्ययन नाम-विषय परिचय 19, महत्त्व 20, सोमदेव
और अमृचन्द्र 20, सोमदेव और जयसेन 21, सोमदेव और अमितगति 21, सोमदेव
और पद्मनन्दि 21, सोमदेव और वीरनन्दि 22, सोमदेव और आशाधर 22, सोमदेव
और यश:कीर्ति 22, 5. उपासकाध्ययन पर प्रभाव
समन्तभद्र और सोमदेव 23, जटासिंहनन्दि
और सोमदेव 24, जिनसेन और सोमदेव 24, गुणभद्र और सोमदेव 24 देवसेन और
सोमदेव 24, 6. उपासकाध्ययन के चर्चित दर्शन और मत
वैशेषिक 26, पाशुपत दर्शन 27, शैवधर्म 29, कुलाचार्य और त्रिकमत 31, कापालिक 32, सांख्य दर्शन 33, बौद्ध दर्शन 34, जैमिनीय - दर्शन 36, बार्हस्पत्य अथवा चार्वाक 37, वेदान्त अथवा ब्रह्मद्वैत 38,
7. कतिपय आनुषंगिक प्रसंग
सांस्कृतिक आदान-प्रदान 39, वर्णव्यवस्था 40, साधर्मी व्यवहार 42, व्रती और साधुओं की स्थिति 43, दान और दानविधि 45, मूर्तिपूजन 47, पूजन : एक प्रश्न और उसका समाधान 49, पूजन के भेद 50, पूजनविधि 50, पंचामृताभिषेक 54, वैदिक पूजा-पद्धति 56, दिग्पालादि की पूजा 57 उत्तरभाग
श्रावकाचारों का तुलनात्मक पर्यवेक्षण मूलगुण 59-65 श्रावकाचारों का पौर्वापर्य 65, श्रावक के षट्कर्म 66, पाँच अणुव्रत 67, अहिंसाणुव्रत 67, रात्रिभोजन 74, अहिंसाणु व्रत के अतिचार 77, सत्याणुव्रत 77, अचौर्याणुव्रत के अतिचार 82, परिग्रहपरिमाणव्रत 83, परिग्रह-परिमाणव्रत के अतिचार 85, गुणव्रत
और शिक्षा-व्रत 87 श्रावकों के भेद : पाक्षिक श्रावक, नैष्ठिक श्रावक। नैष्ठिक श्रावक के भेद-दार्शनिक, व्रत प्रतिमा, सामायिक, प्रोषधोपवास, सचित्तत्याग, रात्रि-भक्तव्रत, ब्रह्मचर्य प्रतिमा, आरम्भत्याग, परिग्रह त्याग, अनुमतित्याग, उद्दिष्ट त्याग, 94-95 साधक 96, उपसंहार 96