________________
विषय-सूची
००
आचार्य अमृतचन्द्रसूरि
सप्त शालवत भाषाकार पं० टोडरमलजीका मंगलाचरण १ | गुणवत मूलग्रन्थकर्ता अमृतचन्द्रसूरिका ,
| दिग्वत उत्थानिका
देशवत निश्चयनय व्यवहारनयका स्वरूप
अनर्थदण्डवत
शिक्षाव्रत ग्रन्थ प्रारम्भ
सामायिकव्रत कर्मोंका कर्ता और भोक्ता प्रात्मा है
करनेकी विधिजीव परिणमन
प्रोषधोपवासव्रतपुरुषार्थसिद्धय पायका प्रर्थ
भोगोपभोगपरिमाण धर्मोपदेशकी रोलि, क्रम-भंग करनेवाला अतिथिसंविभागवत
दंडका पात्र १४
दाताकी नवधा भक्ति१--धावकधर्मव्याख्यान
दाताके सात गुणसम्यक्त्वका लक्षण
दानके पात्रसात तत्त्वोंका स्वरूप
४-सल्लेखनाधर्मव्याख्यानसम्यक्त्वके प्राउ अगोंका वर्णन
१८ | सल्लेखना-समाधिमरणकी विधि२-सम्यग्ज्ञानव्याख्यान
सम्यक्त्वके पांच प्रतीचारप्रमाण और नयोंका स्वरूप
अहिंसावतके ज्ञानके और उसके भेदोंका वर्णन- २५ | सत्याणुव्रतके , ३-सम्यक्चारित्रव्याख्यान २६ अचौर्यव्रत , के भेद और उनका स्वरूप- २७
ब्रह्मचर्यव्रत
दिग्व्रत हिंसाका स्वरूप
देशव्रत अहिंसावतका वर्णनसत्यव्रत और उनके भेदोंका वर्णन
अनर्थदण्डव्रत प्रचौर्यव्रत
सामायिकवत
उपवासव्रत ब्रह्मचर्य
भोगोपभोगपरिमाण, परिग्रहप्रमाण
अतिथिसंविभागवत , रात्रिभोजन त्याग
५६ सल्लेखनाव्रत
७३