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रायचन्द्रजैनशास्त्रमालायाम् । वादरसांपरायके बादरलोभवेदकका काल संख्यातगुणा है १३ ॥ उससे पड़नेवाले अनिवृत्तिकरणके तीनलोभकी गुणश्रेणीका आयाम आवलिमात्र अधिक है ॥ ३६६ ॥
चडवादरलोहस्स य वेदगकालो य तस्स पढमठिदी। पडलोहवेदगद्धा तस्सेव य लोहपढमठिदी ॥ ३६७ ॥
चटवादरलोभस्य च वेदककालश्च तस्य प्रथमस्थितिः ।
पतल्लोहवेदकाद्धा तस्यैव च लोभप्रथमस्थितिः ॥ ३६७ ॥ अर्थ-उससे आरोहक अनिवृत्तिकरणके वादरलोभका वेदककाल अन्तर्मुहूर्तकर अधिक है १५ । उससे वादरलोभकी प्रथमस्थितिका आयाम विशेष अधिक है १६ । उससे पड़नेवालेके बादरलोभका वेदककाल विशेष अधिक है १७ । उससे उतरनेवालेके लोभकी प्रथमस्थितिका आयाम आवलिमात्र अधिक १८ है ॥३६७ ॥
तम्मायावेदद्धा पडिवडछण्हंपि खित्तगुणसेढी। तम्माणवेदगद्धा तस्स णवण्हंपि गुणसेढी ॥ ३६८ ॥
तन्मायावेदकाद्धा प्रतिपतत्षण्णामपि क्षिप्तगुणश्रेणी ।
तन्मानवेदकाद्धा तस्य नवानामपि गुणश्रेणी ॥ ३६८ ॥ अर्थ-उससे पड़नेवालेके मायावेदककाल अन्तर्मुहूर्तकर अधिक है १९ । उससे पड़. नेवाले माया वेदकके छह कषायोंका गुणश्रेणी आयाम आवलिकर अधिक है २० । उससे पड़नेवालेके मानवेदककाल अन्तर्मुहूर्तकर अधिक है २१ । उससे उसीके नौकषायोंका गुणश्रेणी आयाम आवलिकर अधिक २२ है ॥ ३६८ ॥
चडमायावेदद्धा पढमठिदिमायउवसमद्धा य । चलमाणवेदगद्धा पढमहिदिमाणउवसमद्धा य ॥ ३६९ ॥
चटमायावेदाद्धा प्रथमस्थितिमायोपशमाद्धा च ।
चटमानवेदकाद्धा प्रथमस्थितिमानोपशमाता च ॥ ३६९ ॥ अर्थ-उससे चढनेवालेके मायावेदककाल अन्तर्मुहूर्तकर अधिक है २३ । उससे उसके मायाकी प्रथमस्थितिका आयाम उच्छिष्टावलिकर अधिक है २४ । उससे मायाके उपशमानेका काल समयकम आवलिमात्र अधिक है २५ । उससे चढनेवालेके मानवेदककाल अन्तर्मुहूर्तकर अधिक है २६ । उससे उसकी प्रथमस्थितिका आयाम आवलिमात्र अधिक है २७ । उससे उसके मान उपशमानेका काल समयकम आवलिमात्र अधिक २८ है ॥ ३६९॥
कोहोवसामणद्धा छप्पुरिसित्थीण उवसमाणं च । खुहुभवगाहणं च य अहियकमा एकवीसपदा ॥ ३७० ॥