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________________ पश्चाध्यायी। [ दूसरी नैकशक्त दिधाभावो योगपद्यानुषङ्गतः। सति तत्र विभावस्य नित्यत्वं स्यादवाधितम्॥ ९३ ॥ अर्थ-यद्यपि एक शक्ति (वैभाविक ) के ही दो भेद होते हैं अर्थात् एक ही शक्ति दो रूप धारण करती है। परन्तु एक साथ ही एक शक्तिके दो भेद नहीं हो सक्ते । यदि दोनों भेद बराबर एक साथ ही होने लगे तो वैभाविक अवस्था भी नियमसे सदा बनी रहेगी और वैभाविक अवस्थाकी नित्यतामें आत्माका मोक्ष-प्रयास व्यर्थ हो जायगा । इसलिये एक गुणकी वैभाविक और स्वाभाविक अवस्थायें क्रमसे ही होती हैं। एक कालमें नहीं होती। शङ्काकारननु चानादितः सिद्ध वस्तुजातमहेतुकम् । तथाजातं परं नाम स्वतः सिद्धमहेतुकम् ॥ ९४ ॥ तवश्यमवश्यं स्यादन्यथा सर्वसङ्करः । सर्वशून्यादिदोषश्च दुर्वारो निग्रहास्पदम् ॥ ९५॥ ततः सिद्धं यथा वस्तु यत्किञ्चिचिजड़ात्कम् । तत्सर्व स्वस्वरूपायैः स्यादनन्यगतिः स्वतः ॥ ९६ ॥ अयमर्थः कोपि कस्यापि देशमात्रं हि नाश्नुते । द्रव्यतः क्षेत्रतः कालाद्भावात् सीम्नोनतिक्रमात् ॥ ९७ ।। व्याप्यव्यापकभावस्य स्याभावेपि मूर्तिमत् । द्रव्यं हेतुर्विभावस्य तत्किं तत्रापि नापरम् ॥ ९८॥ वैभाविकस्य भावस्य हेतुः स्यात्सन्निकर्षतः। तत्रस्थोप्यपरो हेतु ने स्यात्किंवा वतेति चेत् ॥ ९९॥ अर्थ-शङ्काकार कहता है कि सभी पदार्थ अनादि सिद्ध हैं। पदार्थोको पैदा करनेवाला कोई कारण नहीं है, वे सभी अपने आप ही अनादि सिद्ध हैं । उसी प्रकार उनके नाम भी अनादि सिद्ध हैं । यद्यपि एक वस्तुका पहले कुछ नाम और पीछे कुछ नाम भले ही हो जाय परन्तु वाच्यवाचक सम्बन्ध सदा ही रहता है । इसलिये जिप्त-प्रकार पदार्थ अनादिसे हैं उसी प्रकार उनके वाचक नाम भी अनादिसे हैं। यह पदार्थों और उनके सकेतोंकी अनादिता अवश्य अवश्य स्वीकार करनी पड़ती है। यदि ऐसा न माना जाय तो “ सर्व सङ्कर" और "शून्यता " आदिक अनेक दोष आते हैं जो कि पदार्थोके नाशके कारण हैं । इसलिये यह बात भलीभाँति सिद्ध है कि जो कोई भी चैतन्य या जड़ वस्तु है सभी अपने अपने स्वरूपको लिये हुए हैं। उसके स्वरूपका परिवर्तन (फेरफार) कभी नहीं हो सकता। उपर्युक्त कथनका सारांश यह निकला कि कोई भी पदार्थ किसी दूसरे पदार्थके एक देशमात्रको भी
SR No.022393
Book TitlePanchadhyayi Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherGranthprakash Karyalay
Publication Year1918
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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