SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 113
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - पञ्चाध्यायी। [ दूसरा घातिकर्मकी शक्तिअसिडा न तथा शक्तिः कर्मणः फलदर्शनात्। अन्यथाऽऽत्मतया शक्ते धिकं कर्म तस्कथम् ॥ ३२८ ॥... अर्य-सुख गुणके अभावमें होनेवाली जो आकुलता है, वह घातिया कर्मोकी शक्ति है, यह बात असिद्ध नहीं है, क्योंकि कर्मोका फल दीखता है । यदि वह कर्म-शक्ति नहीं , है तो आत्माकी शक्तिका बाधक कर्म कैसे होता है ? सारांशनयात्सिहं ततो दुःखं सर्वदेशप्रकम्पवत् । आत्मनः कर्मबद्धस्य यावत्कर्मरसोदयात् ॥ ३२९॥ अर्थ-इसलिये यह बात न्यायसे सिद्ध होचुकी कि कर्मसे बँधे हुए आत्माकै जब तक कोका उदय होरहा है तब तक उसके सम्पूर्ण प्रदेशोंमें कम्प (कँपानेवाला) करनेवाला दुःख है। दृष्टान्तदेशतोस्त्यत्र दृष्टान्तो वारिधिर्वायुना हतः। व्याकुलोऽव्याकुलः स्वस्थः स्वाधिकारप्रमत्तवान् ॥ ३३०॥ अर्थ-यहां पर एक देश दृष्टान्त भी है-वायुसे ताडित (प्रेरित) समुद्र व्याकुल होता है। जब वायुसे रहित स्वाधिकारी समुद्र है तब व्याकुलता रहित है, स्वस्थ है । यहां पर ' स्वाधिकारप्रमत्तवान् ' यह समुद्रका विशेषण तीन प्रकारसे लगाया जासक्ता है। जिस समय समुद्रस्वाधिकार में प्रमादी है उस समय वह व्याकुल है । ऐसा भी अर्थ होसक्ता है। दूसरा ऐसा भी अर्थ होसक्ता है कि स्वाधिकार अवस्थामें वह अव्याकुल है और प्रमत्त अवस्थामें व्याकुल है। तीसरा-स्वाधिकार में ही जिस समय लीन है तब वह अव्याकुल है । तात्पर्य सबतरह स्पष्ट है। शङ्काकार-- मच वाच्यं सुखं शश्वविद्यमानमिवास्ति तत् । बस्याथाप्यषस्य हेतोस्तच्छक्तिमात्रतः ॥ ३३१॥ . अर्थ यदि कोई यह कहै कि सुख सदा विद्यमान ही रहता है । चाहे आत्मा कोसे वैधा हो, चाहे न मैंधा हो । क्योंकि सुख आत्माकी शक्तिका नाम है । शक्ति नित्य रहने वाल पदार्थ है । इस लिये सुख मौजूदकी तरह ही समझना चाहिये ? शंकाकारका ऐसा कहना ठीक नहीं हैं इसमें अनेक दोष आते हैं, वे नीचे दिखाये जाते हैं अत्र दोषावतारस्य युक्तिः प्रागेव दर्शिता । यथा स्वस्थस्य जीवस्य व्याकुलत्वं कुतार्थतः ॥ ३३२॥
SR No.022393
Book TitlePanchadhyayi Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherGranthprakash Karyalay
Publication Year1918
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy