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________________ - 661 पुटम् 371 379 423 379 . 67 प्रमाणवचनम् ततःप्रभृति यो ततःपरं पुन तत्किमेतन्नु तत्तजनपदी तत्तत्कमेप्रवा तत्तत्पदार्थसं तत्तल्लक्षण तत्तज ऐक्षत तत्पर्यायान तत्प्रकर्षनिक तत्प्रमाणं बादरा तत्र पतिश्शिव तत्र पूर्वावस्था तत्र ये कृतका तत्राप्यवयवी तत्रैकमनारम्भक तत्वतः क्षणिका नेते 96 पुटम् प्रमाणवचनम् 346 तथा हि नाशकः 299 | तथैव नियम 327 तथोत्पादस्तदा तदत्रतमं. 296 तदनन्तमसं 422 तदनन्यत्वमा | तदभावे 177 | तदशिष्यम् 1671 | तदस्य परिमाणं 393 | तदाकाले मु तदुच्यते क्ष | तदुत्पत्तिविनाशा 310 | तदुच्यते क्षण 319 | तदेवानुप्रा 241 | तदैक्षत बहु 224 | तद्धेदं तमाव्या 60 तद्वद्विना विशेषैर्न तद्वद्विरोध तद्बुद्धिधाराविश्रा 104 तद्भावः परिणामः 129 344 तद्भावाव्ययं 176 तद्विपरीतम 213 तद्रूपस्यैव 164 | तन्मात्राणि 159 349 5681 | तन्मात्राणि 354 | " 369 123 213 385 395 245 157 386 314 386 176 257 306 139 366 77. 163 165 166 166 363 323 तत्वान्यत्वो तत्सन्तु चेतस्यथ तत्संबन्धस्वभाव तत्सृष्ट्वा 152 तथा पर्याय तथाऽपि नैव तथाऽपि तद्वियु तथा बहिर्गता तथा स्यात् 153 164 172 442
SR No.022392
Book TitleTattva Muktakalap
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD Srinivasachar, S Narasimhachar
PublisherMysore Government Branch
Publication Year1933
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size41 MB
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