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सहायता देने वाले शेठ का परिचय
'खाटेड ' उर्फ ' भडगतिया' गोत्र वाले मुल्क मेवाड़ में बहुत हैं । इस गोत्र वाले कितने ही मारवाड़ वगैरह देशों में आये हैं । इसी गोत्र वाले शेठ लक्ष्मीचंदजी पुनमचंद जी बाली-मारवाड़ में हैं, जिन्हों ने इस पुस्तक के मुद्रण में सहायता दी है आप के पूर्वजों के नाम
हीराजी
मनरूपजी
रूपजी
टेकचंदजी
बुधमलजी पुनमचंदजी
लक्ष्मीचंदजी शेठ लक्ष्मीचंदजी पुनमचंदजी ने संवत् १९५२ में केस. रियाजी तीर्थ का बड़ा संघ निकाला और मारवाड़ में, बड़ा दुर्भिक्ष पड़ा तब अनाज १२ पायली का खरीद के १६ पायलीका देना शुरू किया, इस पर महाराजा साहब जोधपुर की तरफ से इनके सत्कारार्थ वस्त्रालङ्कार आये । शेठ मनरूप जी की स्थापी हुई इनकी दुकान ' मोरा' बंदर में हैं।
__ ले० पुखराज। बाली-मारवाड़।
नोट-'पायली' एक माप होता है जिससे मारवाड़ादि देशों में अनाज मापा जाता है