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________________ २६५४ • परिशिष्ट-७ • દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ પૃષ્ઠ | દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ પૃષ્ઠ (१००) उपदेशरहस्य .......... २९२, ५२८, २२६९, (१२४) एकाक्षरीमातृकाकोश ............. २३९५ २४०९, २४८६, २५६३ | (१२५) ऐन्द्रस्तुतिचतुर्विशतिकावृत्ति ....... १३९८ (१०१) उपदेशरहस्यवृत्ति ........... ८४०, १०६४, | (१२६) ओघनियुक्ति ........ ३७, ७१, ७२, ५२८, २४४८, २५००, २५६८ . ८६१, ९१३, १०७८, २२७८, (१०२) उपदेशसाहस्री १६६५ २३०२, २३३२, २३६०, २४४४ (१०३) उपमितिभवप्रपञ्चा कथा ..... २११, ६२९, | (१२७) ओघनियुक्तिभाष्य .......... १५, २२, ४४ ८२८, १०३०, १०३२, ११६२, २१४३, | (१२८) ओघनियुक्तिवृत्ति ........९,२३,४५, ९८१ २१६३, २२५९, २२९२, २३८७, (१२९) औपपातिकसूत्र .......१०६, ६४२, ६४८, २५९६, २६१७ ८३३, ८४७, १२९४, १८७२, (१०४) ऋक्संहितामण्डल................. १०७७ १९९८, २१८३, २२९८ (१०५) ऋग्वेद ........................... १०७७ | (१३०) कणादरहस्य ............... १८८२,१८८६ (१०६) ऋषभपञ्चाशिकावृत्ति ......... ६७८,९६० (१३१) कर्मप्रकृति ....... ११६८, २५११, २५२३, (१०७) ऋषिभाषित ...................... २५६० २५२४, २५३० (१०८) एकाक्षरकाण्ड .................... १७१० | (१३२) कर्मविपाक (नव्य प्रथमकर्मग्रन्थ).....२५८८ (१०९) एकाक्षरकोश (पुरुषोत्तमदेवकृत)...... २११४ | (१३३) कर्मविपाक (प्राचीन कर्मग्रन्थ) ....... २५८८ (११०) एकाक्षरकोश (महाक्षपणकृत) ........ १८३८ (१३४) कर्मविपाकव्याख्या (प्रथम-नव्य) .. २२८४ (१११) एकाक्षरकोश (मनोहरकृत) ............ २३९ / (१३५) कल्पद्रुकोश .......... ४३०, ४४८, २२२० (११२) एकाक्षरनाममाला (शाहराजकृत) .... १८०० | (१३६) कल्पसूत्र .....................१०५, १०६ (११३) एकाक्षरनाममाला (मेदिनीकरकृत) ...१६८७ | (१३७) कल्याणकन्दली (षोडशक उपवृत्ति).... २६, (११४) एकाक्षरनाममाला (विश्वप्रकाश ३२४, २२५५, २३८१, २३८३ कोशगत) .......... २३९, १६७०,१८६० | (१३८) कविकण्ठाभरण ....................७२४ (११५) एकाक्षरनाममाला (वररुचिकृत)...... १७८९ (१३९) कविकल्पद्रुम ...................... २२९ (११६) एकाक्षरनाममाला (सुधाकलशीय) ..१६५२, | (१४०) कवितामृतकूप ...... २३९४ १८६०, २०८१, २१४५ कषायप्राभृतवृत्ति देखिए जयधवला (११७) एकाक्षरनाममाला (सौभरिकृत) ...... २३९४ (१४१) कामन्दकीयनीतिसार ................ ४६ (११८) एकाक्षरनाममालिका (अमरचन्द्रकृत) २२२१ (१४२) कामसूत्र ....... ........७८८ (११९) एकाक्षरनाममालिका (१४३) कारणतावाद (वादवारिधि) ......... १४४९ (विश्वशम्भुकृत)...........१७१०, २३९४ (१४४) कारिकावली ............... १०९, १९८३ (१२०) एकाक्षरबीजनाममाला .............. २३९ | (१४५) कार्तिकेयानुप्रेक्षा ......... १४७७, १५५३, (१२१) एकाक्षरशब्दमाला ........... २३९,२१८७ __ १७६४, १७८५, १८१८, १८४९, (१२२) एकाक्षरसंज्ञकाण्ड ........... १७३९,१७९९ १८५५, १९७१, २२३०, २४०५ (१२३) एकाक्षरीनाममाला ......... १७१९,१८६० । (१४६) कार्तिकेयानुप्रेक्षा वृत्ति .......४७७, ६०८,
SR No.022384
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages524
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size17 MB
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