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________________ • 'द्रव्य-गु-पयायनो २॥स' तथा 'द्रव्यानुयो।५२मश' व्यायाम विदा पर्थोनी याही • 135 प्रतिष्ठा २४६८, (३) चैतन्यसाधक १६७१ प्रतीतिविरोध देखिए दोष (दूषण) । (४) धर्मास्तिकायसाधक १४४४-१४५१,१४६८ प्रतीत्य पर्याय समुत्पाद देखिए उत्पत्ति (प्रकीर्णक) प्रमाण-अप्रमाण अनेकांत देखिए अनेकांत प्रतीयमान अर्थ देखिए अर्थ (दार्शनिक) प्रमाणनयजन्य बोध देखिए बोध (+ ज्ञान) प्रत्यभिज्ञान देखिए ज्ञान | प्रमाण परिकर देखिए परिकर (+ उपयोग + बोध) | प्रमाणलक्षण देखिए लक्षण प्रत्यनीक (९) २३०५-२३०६ प्रमाणलक्षण (श्वेताम्बरसम्मत) देखिए लक्षण प्रत्यय (त्रिविध) २४१६ (३९) प्रमाण लक्षण प्रत्यय (द्विविध) | प्रमाणलक्षण (दिगम्बरसम्मत) देखिए लक्षण (१) गौण प्रत्यय १९८५ (३९) प्रमाण लक्षण (२) समनन्तर प्रत्यय ११७६ | प्रमाणलक्षण (पौष्करसम्मत) देखिए लक्षण प्रत्याख्यान परिज्ञा देखिए परिज्ञा (३९) प्रमाण लक्षण प्रत्यासत्ति | प्रमाणलक्षण (द्वैतवेदांतसम्मत) देखिए लक्षण (१) ज्ञानलक्षणा प्रत्यासत्ति १४६४ (३९) प्रमाण लक्षण (२) सामान्यलक्षणा प्रत्यासत्ति ६५५-६५६ | प्रमाणलक्षण (नव्यनैयायिकसम्मत) देखिए लक्षण प्रत्यासत्ति देखिए दोष (दूषण) (३९) प्रमाण लक्षण प्रत्याहार देखिए योग (अष्टांग) | प्रमाणलक्षण (वैशेषिकसम्मत) देखिए लक्षण प्रदेश देखिए द्रव्य (चतुर्विध) (३९) प्रमाण लक्षण प्रदेशता देखिए गुण प्रकार प्रमाणलक्षण (प्राचीननैयायिकसम्मत) देखिए (२) सामान्य गुण लक्षण (३९) प्रमाण लक्षण प्रदेशप्रचय देखिए प्रचय | प्रमाणलक्षण (मीमांसकसम्मत) देखिए लक्षण प्रधानद्रव्य सम्यक्त्व देखिए सम्यक्त्व(सम्यग्दर्शन) (३९) प्रमाण लक्षण प्रध्वंस अनित्यता देखिए अनित्यता | प्रमाणलक्षण (बौद्धसम्मत) देखिए लक्षण प्रभा दृष्टि देखिए योगदृष्टि (३९) प्रमाण लक्षण प्रभावना | प्रमाणलक्षण (पातञ्जलसम्मत) देखिए लक्षण (१) जिनशासन प्रभावना -- २४८० (३९) प्रमाण लक्षण (२) कषायशासन प्रभावना २४८० | प्रमाणलक्षण (साङ्ख्यसम्मत) देखिए लक्षण प्रमाण ५०५,५३३,५४१,६१०,१९४१-१९५१ (३९) प्रमाण लक्षण प्रमाण (साधक) | प्रमाणलक्षण (स्मृतिसम्मत) देखिए लक्षण (१) अधर्मास्तिकायसाधक १४५०,१४५३ (३९) प्रमाण लक्षण १४५७,१४६८ | प्रमाणलक्षण (वैद्यकशास्त्रसम्मत) देखिए लक्षण (२) आकाशसाधक १४५९-१४६८ (३९) प्रमाण लक्षण
SR No.022378
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages432
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size74 MB
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