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________________ • 'द्रव्य-शु-पर्यायनी ।स' तथा 'द्रव्यानुयोग५२रामश' व्यायाम विदा पहार्थोनी याह. 119 (४५) विनिगमकअभाव १६५५| | (६७) स्वरूपअसिद्धि ४२६,१०२७(४६) विपर्यय ८०४,१९५३,२२४९ २८,१७६२,१८९३ (४७) विभागन्यूनता १०४०,१०४२-| | (६८) स्वरूपहानि ४६९ ४३,१०९२,२०९२ (६९) स्ववचनविरोध २०५७ (४८) विरोध (विरुद्धत्व) ३६१-३६३, दोष (रत्नत्रयसंबंधी) ३६७,३७८,३९९,४२४,४२९,५१७, (१) अनुत्साह १९३० ११२७,१७६१-१७६२,२२२४ | (२) अभिनिवेश २१७१ (४९) विरोधउच्छेदप्रसंग १८९० (३) अवाचनीयत्व (चुतर्विध) २३६६ (५०) वैयधिकरण्य ३६३,४०० (४) अवाचनीयत्व (त्रिविध) २३६५ (५१) वैयर्थ्य १०२५-२६,१७६१, (५) अविनय २३६५-६६ १८१५ (६) अहंकार २४७४-७५ (५२) व्यतिकर ३६,३४०,०१९,५३२,२०१ (७) आधाकर्म २९-३७ (५३) व्यभिचार १७६१, (८) आलस्य १९३० (I) अन्वय व्यभिचार १२९३,१४२७, (९) उत्पादन (II) व्यतिरेक व्यभिचार १४६६,२०१२ (५४) व्यर्थविशेषणघटितत्व १४३१ (१०) उत्सूत्रभाषण ९३३-३४,१०३८,२३३५ (५५) व्यवहारविलोप ३६९,४३७, (११) उद्गम १७८४ (१२) उपयोगशून्यता २१६३ (५६) व्याघात ११९१ (१३) कदाग्रह २४०४ (५७) व्याप्यत्वअसिद्धि १०२५ (१४) कपट (माया) २३००-२३०४, (५८) शून्यताप्रसंग १८२८ २३०७-२३१२,२३१९ (५९) संकोच १०९६ (१५) कर्तृत्व-भोक्तृत्वपरिणति २०३४ (६०) संबंधगौरव १६६२ (१६) कषाय १९३० (६१) संशय (शंका) १०८,३६५, (१७) कषायशासनप्रभावना २४८० ४०२,६२६,८०४,१९५३,२२४९ (१८) कुशीलता २३२३-२३२६ (६२) सङ्कर (सांकर्य + संकीर्णता) (१९) चारित्रभ्रष्टता २३४० ३६४,४००,८०४,१०५४, (२०) छिद्रमति २३६१-६३ १७२०,१८१३,१८२८,२२०१ (२१) जनमनोरंजन २३०१ (६३) सत्प्रतिपक्ष १०२७-२८ (६४) सिद्धसाधनत्व (२२) जुगुप्सा ३७४ १८९३ (६५) सिद्धसाध्यता (२३) तीव्ररागादि १९३० ३६७,४०५, १८९३-१८९४ (२४) दृष्टिसंमोह ६९२ (६६) स्याद्वादहानि १८६२॥ २६,२८,२३०५,२५०९
SR No.022378
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages432
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size74 MB
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