SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 117
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ • 'द्रव्य-शु-पर्यायनी ।स' तथा 'द्रव्यानुयोग५२मश' व्यायाम विदा पर्थोनी याही . 113 गुण लक्षण (नैयायिकसम्मत) देखिए लक्षण |गौण अर्थ देखिए अर्थ (दार्शनिक) ___ (२२) गुण लक्षण | गौणत्व (अर्थगत) ५७१-५७२ गुण लक्षण (पतंजलिसम्मत) देखिए लक्षण गौण प्रत्यय देखिए प्रत्यय (द्विविध) (२२) गुण लक्षण | गौण-मुख्यभाव संबंध देखिए संबंध गुण लक्षण (मीमांसकसम्मत) देखिए लक्षण गौण संकेत देखिए संकेत ___(२२) गुण लक्षण | गौणी लक्षणा देखिए लक्षणा (सामान्यतः) गुण लक्षण (विशिष्टाद्वैतवादिसम्मत) देखिए लक्षण | गौणी लक्षणा देखिए वृत्ति (वैयाकरण(२२) गुण लक्षण सम्मत) (१) लक्षणा गुण लक्षण (वेदांतिसम्मत) देखिए लक्षण गौणी वृत्ति देखिए वृत्ति (मीमांसासम्मत) (२२) गुण लक्षण | गौरव देखिए दोष (दूषण) गुण लक्षण (श्वेतांबरसम्मत) देखिए लक्षण ग्रन्थिभेद २४२५,२४३५,२५०६, (२२) गुण लक्षण २५०९, २५३०,२५७९ गुण लक्षण (सांख्यसम्मत) देखिए लक्षण | ग्रन्थिभेद दुर्लभता २५०५-०६ (२२) गुण लक्षण | |ग्रन्थिभेद पुरुषार्थ (अंतरंग पुरुषार्थ) २४९४-२५०१ गुण विकार (देवसेन) देखिए विकार | ग्रन्थिभेद प्रक्रिया २४२०-२४२८ गुण वैराग्य देखिए वैराग्य ग्रन्थिभेदप्रार्थना २४९४ गुण व्यंजनपर्याय देखिए पर्याय (देवचन्द्रमत) | ग्रन्थिभेद विघ्न २५०४-०६ गुणश्रेणि देखिए श्रेणि ग्रन्थिभेदविघ्नविजय २५०८-०९ गुणस्थानक ग्रन्थिभेद विरामस्थान २५०३-०४ गुणस्वरूप २४२३ | ग्रन्थिभेद विश्रामस्थान अतिक्रमण २५०७-०८ गुणिनय देखिए नय (आपादन प्रकार) ग्राह्य-ग्राहकभावत्याग २५३९ गुप्ति (१) कायिकगुप्ति घ्राणेन्द्रिय विषय २२२-२३१ २५३४ (२) मनोगुप्ति (विविध) घ्राघात्वर्थ देखिए धात्वर्थ २५३५-३७ (३) वचनगुप्ति चतुर्विध अवाचनीय देखिए अवाचनीय (श्रोता) २५३४ गुरुअदत्त २३६१ चरण-करणसार ५२८-५२९ गुरुत्व चरण-करणानुयोग देखिए अनुयोग (१) अपकृष्ट गुरुत्व २७३-२७६ | चरण-करणानुयोगगीतार्थ भेद देखिए भेद (प्रकार) (२) अवस्थित गुरुत्व २७६-२७७ (१०) गीतार्थभेद गुरुधर्म | चरम यथाप्रवृत्तकरण देखिए करण गुरुपूजा देखिए पूर्वसेवा (३) यथाप्रवृत्तकरण गुर्जर भाषा देखिए भाषा |चरमावर्त काल देखिए काल (आध्यात्मिक) गोत्रयोगी देखिए योगी |चल चित्त देखिए चित्त ६३१ ११४१
SR No.022378
Book TitleDravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherShreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
Publication Year2013
Total Pages432
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size74 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy