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[४] णाइअपुवंते, अयरंतो कोडिकोडियो न हिगो॥ बंधो नहु हीणो न य, मिच्छे नवियरसन्निमि ॥ ४ ॥ जश् लहुबंधो बायर, पज असंखगुण सुहमपज्जहिगो ॥ एसिं अपज्जाण लहू सुहुमेअर अपज्जपज्जगुरु ॥ ४ए ॥ लहु बिध पज्ज अपज्जेअर बिअगुरु हिगो एवं॥ति चउ यसन्निसु नवरं, संखगुणो बिधअमणपजते॥५०॥तो जइ जिट्ठो बंधो, संखगुणो देसविरयदस्सिअसे ॥ सम्मच सन्निचउरो, उइबंधाणुकमसंखगुणा ॥५१॥ सव्वाण वि जिपिई, असुहा जं सासंकिलेसेणं ॥ श्वरा विसोदियो पुण, मुत्तुं नरअमरतिरिआ ॥ ५५ ॥ सुहुमनिगोआश् खण--प्पजोगबायरयविगलअमणमणा । अपज्ज लहुपढमदुगुरु, पजहस्सियरो असंखगुणो ॥५३॥ असमत्ततसुक्कोसो, पजजहन्नियर एव विइगणा ॥अपजेयरसंखगुणा, परमपजविए असंखगुणा ॥५४॥ पश्खणमसंखगुणविरि-य अपज पइ
१ अपजत्त, पाठांतरम् ॥